पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता बृजेन्द्र सिंह ने जींद के दनौदा गांव से अपनी ‘सद्भाव यात्रा’ की शुरुआत की, हालांकि इस आयोजन को लेकर राज्य के पार्टी नेताओं में असंतोष की सुगबुगाहट थी।
इस अवसर पर बृजेंद्र के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, राजस्थान के चूरू से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां, कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला और अन्य स्थानीय कांग्रेस नेता मौजूद थे। हिसार के सांसद जय प्रकाश समेत कुछ कांग्रेस नेताओं ने इसे बृजेंद्र सिंह की निजी यात्रा बताया।
नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राव नरेन्द्र सिंह और कांग्रेस विधायक दल के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आज के कार्यक्रम से दूर रहे।
कांग्रेस की विदेश मामलों की समिति के उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य राज्य के सभी समुदायों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देना है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए समाज में विभाजन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “भाजपा की विभाजनकारी राजनीति ने हरियाणा में जातिगत, क्षेत्रीय और सांप्रदायिक कलह को और गहरा कर दिया है। सद्भाव यात्रा का मुख्य उद्देश्य हरियाणवी समाज में भाईचारा फिर से जगाना है।”
बृजेंद्र ने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद हरियाणा में एक अजीब सी खामोशी छाई हुई है क्योंकि इसमें एक “अप्रत्याशित परिणाम” आया था। उन्होंने कहा, “एक तरह की निराशा से उबरने के उपायों के बारे में सोचते हुए ही मेरे मन में एक यात्रा का विचार आया। मैंने इसे करने का फैसला किया और पूरे राज्य में पदयात्रा करने की अपनी उत्सुकता दिखाई। मैं इस यात्रा के विचार पर समाज के विभिन्न वर्गों से मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित हूँ।” उन्होंने आगे कहा कि लोगों में एक तरह की बेचैनी दिख रही थी जो समाज में चर्चाओं में साफ़ दिखाई दे रही थी।
भाजपा पर समाज में दरार पैदा करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वे ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपना रहे हैं जबकि कांग्रेस हमेशा समावेशिता की नीति अपनाती है।