रविवार दोपहर बड़ी संख्या में किसानों और आढ़तियों ने धान की खरीद न होने या एमएसपी से कम पर खरीद को लेकर करनाल अनाज मंडी में धरना दिया। खबर लिखे जाने तक धरना जारी रहा, जिससे अनाज मंडी में कामकाज बाधित रहा। किसानों और आढ़तियों ने चेतावनी दी कि अगर खरीद तुरंत शुरू नहीं हुई, तो वे अपना आंदोलन तेज कर जीटी रोड जाम कर सकते हैं।
किसानों का दावा है कि कुछ अवसरवादी खरीददारों द्वारा धान को बेहद कम दरों पर खरीदा जा रहा है, जबकि अन्य को नमी का बहाना बनाकर उचित मूल्य देने से मना किया जा रहा है।
बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने कहा, “आज हमने मंडी को अंदर से बंद कर दिया है और तौल मशीन भी बंद कर दी है। लेकिन अगर सरकार जल्द ही फसल खरीदना शुरू नहीं करती है, तो हम हाईवे भी जाम कर देंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि नमी के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। या तो ख़रीद हो ही नहीं रही है, या अगर हो भी रही है, तो व्यापारी 200-800 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती कर रहे हैं।
करनाल आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष रजनीश चौधरी ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों पर जानबूझकर खरीद में देरी करने का आरोप लगाया। चौधरी ने कहा, “विभाग चावल मिल मालिकों की फाइलों का निपटारा नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से वे आगे नहीं आ रहे हैं। जब तक मिल मालिक इसमें शामिल नहीं होंगे, किसानों की फसल औने-पौने दामों पर खरीदी जाती रहेगी। यह लोगों को ठगने का एक संगठित गठजोड़ है।”
सुरिंदर सांगवान और महताब कादियान सहित कई किसानों ने आरोप लगाया कि अनाज मंडियाँ शोषण का अड्डा बन गई हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार तुरंत खरीद शुरू करे ताकि मंडियों में अपनी फसल लेकर आए किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके। कादियान ने कहा, “नमी के नाम पर हमारी फसलों को लूटा जा रहा है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।