तरनतारन जिले के अंतर्गत आने वाले रूर असल गांव को आतंकवाद के काले दौर में आतंकियों ने निशाना बनाया था। हालांकि उस समय कोई जनहानि नहीं हुई थी, लेकिन रेलवे स्टेशन पर गोलियों के निशान आज भी दिखाई देते हैं।
जिसके कारण कई महीनों से इस ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं चली थी, यह ट्रैक अमृतसर और खेमकरण को जोड़ता है और इस ट्रैक पर डीएमयू ट्रेन चलती है।
अगर आज इस रेलवे स्टेशन के हालातों की बात करें तो यह रेलवे स्टेशन मूलभूत सुविधाओं से वंचित नजर आता है और हालात ऐसे हैं कि नशेड़ियों ने टिकट घर को ही नशे का अड्डा बना लिया है।
जिसके कारण यहां से पानी का पंप व बिजली के उपकरण भी चोरी हो चुके हैं और यहां रेलवे विभाग का कोई भी अधिकारी ड्यूटी पर नहीं रहता है, केवल टिकट काटने वाला कर्मचारी ही ट्रेन के समय पर मांग करने पर टिकट काटता है और फिर वापस चला जाता है।
मौके पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि यहां गर्मी में पंखे व पेयजल की कोई सुविधा नहीं है, सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।