सोलन, 16 अगस्त एक चौंकाने वाली घटना में, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की नोहराधार शाखा से इसके प्रबंधक द्वारा 4.02 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। उन्होंने बैंक के खाताधारकों से उनकी बचत के अलावा फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड खोलकर धन हड़पने का काम किया।
इस खुलासे के बाद उक्त शाखा के प्रबंधक ज्योति प्रकाश की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। जिला प्रबंधक प्रियदर्शन पांडे ने संगड़ाह पुलिस में 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर के अनुसार, ज्योति प्रकाश ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी नामों पर किसान क्रेडिट कार्ड खोले और उनमें 4.02 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि जमा की, जैसा कि शुरुआती जांच से पता चलता है। इस पैसे को टर्म लोन बैंकों के अपने डिपॉजिट और कैश क्रेडिट लिमिट बैंकों के अपने डिपॉजिट खातों में ट्रांसफर किया गया, जिन्हें बाद में गबन कर लिया गया और इन खातों को बंद कर दिया गया।
उन्होंने खाताधारकों के सावधि जमा खातों से भी पैसे का गबन किया, जिसकी जांच करने पर गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। कई खातों से न केवल लाखों रुपये निकाले गए, बल्कि कुछ ग्राहक यह देखकर हैरान रह गए कि उनके खातों में नगण्य राशि दिख रही है। हालांकि, प्रिय दर्शन पांडे ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि उन्हें आर्थिक नुकसान नहीं होगा और कहा कि यह बैंक का नुकसान है। उन्होंने कहा कि ज्योति प्रकाश को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विस्तृत ऑडिट के बाद गबन की गई वास्तविक राशि का पता लगाया जाएगा।
एफआईआर के अनुसार, 5 अगस्त को जिला प्रबंधक को कुछ संदिग्ध लेन-देन की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद शिमला स्थित डेटा सेंटर को 8 अगस्त को मामले की जांच करने का निर्देश दिया गया था। बैंक खातों की विस्तृत जांच से पता चला कि प्रबंधक ज्योति प्रकाश ने घोर अनियमितताएं की हैं। इसके बाद 11 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई।
हालांकि, केशव नाइक ने कहा कि हालांकि बैंक में आंतरिक और बाह्य ऑडिट के अलावा वार्षिक समवर्ती ऑडिट और मासिक निरीक्षण जैसी जांच और संतुलन व्यवस्थाएं हैं, लेकिन यह प्रशासन की ढिलाई है, जिसके कारण बैंक आज इस संकट में फंस गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरमौर योगेश रोल्टा ने कहा कि पुलिस मामले के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रही है।