March 25, 2025
Punjab

विश्व जल दिवस पर हरियाणा से कैच द रेन-2025 राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ

विश्व जल दिवस के अवसर पर हरियाणा में ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब जल संरक्षण के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान, जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2025, का शुभारंभ जिला पंचकूला से किया गया।

इस अभियान का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने किया। इसके अलावा जल संरक्षण, जलापूर्ति योजनाओं और स्वच्छता अभियान के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी भी मौजूद रहीं।    

पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के लिए मुख्यमंत्री जल संचय योजना का शुभारंभ किया। जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2025 के तहत ‘जल-जंगल-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान’, जल संसाधन एटलस 2025, एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना (2025-27), ऑनलाइन नहर जल प्रबंधन प्रणाली और जेएसए-सीटीआर के तहत सर्वोत्तम प्रथाओं जैसी विभिन्न पहलों का भी शुभारंभ किया गया। 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2025 के अंतर्गत हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के गांवों मंडोला, दुलोथ, बदोपुर, खेरी और दोखेरा में विभिन्न जल संरक्षण कार्यों का उद्घाटन किया। इसके अलावा, 400 कृत्रिम भूजल पुनर्भरण संरचनाओं की आधारशिला भी रखी गई।

इसी प्रकार, जिला यमुनानगर के गांव देवधर व बेगमपुर, जिला कैथल के गांव जुलानी खेड़ा, जिला भिवानी के गांव पहाड़ी, जिला महेंद्रगढ़ के गांव अकोली व गांव मंडलाना में सौर ऊर्जा एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा, फिरोजपुर झिरका में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए 52 गांवों व 5 ढाणियों में रैनीवेल आधारित जलापूर्ति परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। पटौदी विधानसभा क्षेत्र में जलापूर्ति बढ़ाने के लिए 24 गांवों व 9 ढाणियों में नहर आधारित परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पंचकूला में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें 9 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शेड, 103 सोक पिट और 21 सामुदायिक स्वच्छता परिसर शामिल हैं। 

जल संरक्षण प्रयासों में योगदान के लिए जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया

कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जल योद्धाओं को सम्मानित किया गया। प्रगतिशील किसान श्रेणी में कुरुक्षेत्र के श्री राजकुमार मेहरा को प्राकृतिक खेती, यमुनानगर के सुखपुरा गांव के श्री कुशल नेहरा को फसल विविधीकरण तथा करनाल के तरोआड़ी गांव के श्री विकास चौधरी को डीएसआर तकनीक के प्रयोग के लिए सम्मानित किया गया।

इसी प्रकार, जल संरक्षण में सर्वश्रेष्ठ सरपंच के लिए श्रीमती भारती, पाखल, फरीदाबाद को ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए, श्री रतन पाल सिंह, नीरपुर राजपूत, नारनौल को तालाब के पुनरुद्धार के लिए तथा श्री जसमेर सिंह, सुल्तानपुर, करनाल को वर्षा जल संचयन प्रणाली के लिए सम्मानित किया गया।

Under the Atal Bhujal Yojana, Smt. Rachna Ramdahri, Birthe, Bihari, Kaithal, Smt. Suman, Bairan, Bhiwani and Smt. Gurpreet Kaur, Jagmlera, Sirsa were honored for the best Bhujal Saheli.

सर्वश्रेष्ठ महिला स्वयं सहायता समूह श्रेणी में, यमुनानगर के धौरांग से श्रीमती पुष्पा, पंचकूला के मोरनी से श्रीमती काजल शर्मा और कुरुक्षेत्र के नई बस्ती नलवी से श्रीमती सरिता देवी को जल संरक्षण और जागरूकता अभियान में उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। 

 

इसके अलावा, जल संरक्षण के लिए सर्वश्रेष्ठ ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति श्रेणी के अंतर्गत श्री लाभ सिंह सरपंच, जाम्बा, कैथल, श्री परवश कुमार, अध्यक्ष, कल्याणा कुरुक्षेत्र तथा श्रीमती विक्रमजीत कौर, अध्यक्ष, नीलोखेड़ी करनाल को सम्मानित किया गया।

 

कार्यक्रम में, सर्वोत्तम जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन के लिए श्री पंचराम, टपरियां, पंचकूला को कुहल आधारित एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना, श्री सचिन वालिया, प्रताप नगर, यमुनानगर को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए नहरी पानी को बढ़ावा देने तथा श्री जितेन्द्र, फारपुर माइनर, कुरुक्षेत्र को सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए नहरी पानी को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया।

 

इसी प्रकार, सर्वश्रेष्ठ एनजीओ का पुरस्कार श्रीमती शुभी केसरवानी, गुरुजल एनजीओ को भूजल पुनर्भरण और मीठे पानी की झीलों के जीर्णोद्धार को बढ़ावा देने के लिए तथा डॉ. कृष्णा कुमारी आर्य, मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल (एमएमएजे) को पेयजल समस्या में सुधार के लिए दिया गया।

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