चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट ने कथित रिश्वतखोरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी विशाल दीप को सीबीआई को पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया है। अधिकारी को उसके खिलाफ जारी प्रोडक्शन वारंट के बाद अंबाला जेल अधिकारियों द्वारा अदालत में पेश किया गया था। सरकारी वकील नरेंद्र सिंह ने मामले में एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए रिमांड का अनुरोध किया, जिसमें उल्लेख किया गया कि रिश्वत की कुछ रकम अभी तक बरामद नहीं हुई है और रिश्वत की मांग करने के लिए कॉल करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन अभी भी जब्त किया जाना है। इसके अलावा, आरोपी के वॉयस सैंपल का सीएफएसएल में रिकॉर्ड किए गए सैंपल से मिलान किया जाना बाकी है।
बचाव पक्ष के वकील अभय जोशी और मनप्रीत सिंह कलेर ने रिमांड का विरोध करते हुए अदालत से अनुरोध किया कि वह सीबीआई के डीएसपी स्तर के अधिकारी के खिलाफ आरोपियों द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण जांच की निगरानी करे। उन्होंने तर्क दिया कि जांच पहले ही हो चुकी है और आगे रिमांड की जरूरत नहीं है। दलीलें सुनने के बाद सीबीआई कोर्ट के विशेष जज ने पांच दिन की रिमांड मंजूर कर ली। इससे पहले कोर्ट ने बुधवार को विशाल दीप की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सीबीआई ने शिमला में पूर्व सहायक निदेशक-द्वितीय (खुफिया) विशाल दीप के खिलाफ 22 दिसंबर 2024 को दो शैक्षणिक संस्थानों के निदेशकों की शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि विशाल दीप ने अपने द्वारा की जा रही जांच के दौरान निदेशकों को गिरफ़्तारी की धमकी देकर पैसे वसूले।