पालमपुर,20 नवंबर केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने मंडी जिले में पधर और बिजनी के बीच पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग चार लेन परियोजना के 22 किलोमीटर लंबे हिस्से के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
इस खंड पर निर्माण कार्य वन और पर्यावरण मंजूरी के अभाव में पिछले तीन वर्षों से लटका हुआ था क्योंकि इसमें वनभूमि का बड़ा क्षेत्र शामिल था। पर्यावरणीय क्षरण और पहाड़ियों की कटाई से बचने के लिए, इस राजमार्ग खंड में केवल दो लेन होंगे।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक विकास सुरजेवाला ने द ट्रिब्यून को बताया कि इस राजमार्ग खंड के लिए वैश्विक बोलियां पिछले साल नई दिल्ली में खोली गई थीं। 400 करोड़ रुपये की परियोजना एक निजी निर्माण कंपनी को सौंपी गई थी और कंधवाल और 32 माइल्स के बीच पहले चरण के तहत काम पहले से ही प्रगति पर था। पांच बड़े और नौ छोटे पुलों के अलावा तीन ओवरपास का निर्माण किया जाएगा। इस राजमार्ग खंड पर काम पूरा होने के बाद राजमार्ग की लंबाई 22 किमी से घटकर 19 किमी हो जाएगी।
सुरजेवाला ने कहा कि परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण पहले ही किया जा चुका है. पर्यावरण मंजूरी देने के केंद्र सरकार के फैसले से 8,000 करोड़ रुपये की परियोजना का शीघ्र पूरा होना सुनिश्चित होगा, जो 2018 से लंबित थी।
219 किलोमीटर लंबी यह चार लेन सड़क परियोजना पठानकोट को लेह, लद्दाख और अन्य अग्रिम क्षेत्रों को जोड़ने वाली रणनीतिक परियोजनाओं में से एक है। रक्षा जरूरतों को देखते हुए केंद्र सरकार इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है. पूरी सड़क का काम पूरा होने पर पठानकोट और मंडी के बीच की दूरी 219 किमी से घटकर 171 किमी रह जाएगी।