ज़िला स्वास्थ्य अधिकारियों ने आज शहर में चल रहे एक अवैध प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। झज्जर की सिविल सर्जन डॉ. जय माला ने बताया कि एक महिला समेत तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि एक गुप्त सूचना के बाद, पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार, डॉ. आकृति हुड्डा, डॉ. हर्षदीप और विनोद कुमार की एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी की।
डॉ. जय माला ने बताया, “योजना के अनुसार, 17 जुलाई को एक फर्जी ग्राहक एक स्थानीय महिला के पास आया, जिसने खुद को बीएएमएस डॉक्टर बताया। वह 55,000 रुपये में अवैध लिंग निर्धारण परीक्षण करने के लिए तैयार हो गई और फर्जी ग्राहक से पैसे अपने घर लाने को कहा।”
उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने फर्जी डॉक्टर को 25 जुलाई को आने को कहा है।
सिविल सर्जन ने दावा किया, “डॉक्टर ने अपने क्लिनिक में अल्ट्रासाउंड टेस्ट की व्यवस्था की और एक सह-आरोपी ने कथित तौर पर टेस्ट करने के लिए दिल्ली से एक पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन मँगवाई। स्कैन के बाद, दोनों आरोपियों ने फर्जी महिला को बताया कि उसके गर्भ में एक लड़की है और उसे अगले दिन गर्भपात के लिए आने की सलाह दी, जिसके लिए 25,000 रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे।”
डॉ. जय माला ने बताया कि डॉक्टर ने अपने बेटे को बुलाया, जो स्कूटर पर आया और वे उस नकली ग्राहक को अपने घर ले गए। उन्होंने आगे बताया, “नकली ग्राहक ने पास में खड़ी टीम को इशारा किया, जिसने तुरंत परिसर में छापा मारा। तलाशी के दौरान घर से गर्भपात से जुड़े उपकरण बरामद हुए।”