चंबा, 16 मार्च उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी मुकेश रेपसवाल ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव (2024) के मद्देनजर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक बुलाई. बैठक में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के क्रियान्वयन के लिए लागू नियमों पर चर्चा की गई.
डीसी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को विज्ञापन प्रमाणन से संबंधित नियमों, एमसीसी के प्रभावी अनुपालन और चुनाव से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संभावित मतदाता नामांकन की अंतिम तिथि से 10 दिन पहले तक मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एमसीसी की घोषणा के तुरंत बाद 24 घंटे के भीतर सभी विज्ञापन सामग्री सरकारी परिसरों से हटा दी जाएगी। इसी प्रकार, सार्वजनिक संपत्ति से होर्डिंग हटाने की समय सीमा 48 घंटे तय की गई थी, और ऐसी सामग्री को निजी संपत्ति से 72 घंटे के भीतर हटा दिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा।
उपायुक्त ने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार मालिक की अनुमति के बिना जमीन, भवन, दीवार या वाहन पर बैनर लगाना, नारे लिखना, पर्चे चिपकाना आदि जैसी गतिविधियां नहीं कर सकता है। रेप्सवाल ने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़ी शिकायतें सी-विजिल ऐप के जरिए भी की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।
बैठक की कार्यवाही का संचालन अपर जिलाधिकारी राहुल चौहान ने किया। बैठक में तहसीलदार (चुनाव) अनूप डोगरा, नायब तहसीलदार संजय शांडिल और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि – धीरज नारायण, गोवर्धन आहूजा और दीपक कुमार उपस्थित थे।
लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और नोडल अधिकारियों और चुनाव कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न नोडल अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संचालन के संबंध में डीसी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की त्रुटि की कोई संभावना नहीं है।
चूंकि संबंधित अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है, इसलिए उन्हें आयोग द्वारा तैयार की गई मार्गदर्शिका से जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में स्वीप गतिविधियों (संगठित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम) को बढ़ाने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
डीसी ने कहा कि पिछले चुनावों में कम मतदान वाले ग्रामीण क्षेत्रों और मतदान केंद्रों पर ऐसी गतिविधियों के आयोजन पर जोर दिया जा रहा है।
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