चंडीगढ़, 4 फरवरी
सेक्टर 17 की वास्तुकला को शहर की विरासत के अनुरूप संरक्षित करने के उद्देश्य से निजी स्वामित्व वाली इमारतों के संरक्षण और जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है। इन भवनों के जीर्णोद्धार में करीब एक साल लगने की उम्मीद है।
इस परियोजना में सेक्टर 17-सी और 17-डी में इमारतों को एक जैसा बनाने के लिए सभी सार्वजनिक गलियारों में मुखौटा बहाली और एक समान फर्श शामिल है। काम में सफाई, पुनर्निर्माण और मरम्मत शामिल है। साथ ही खुदरा दुकानों के सामने लगे सभी व्यक्तिगत विज्ञापन बोर्ड भी हटेंगे।
यूटी के मुख्य अभियंता सीबी ओझा ने कहा कि काम चल रहा है। प्रोजेक्ट को पूरा होने में एक साल का समय लगेगा। निजी भवन स्वामियों द्वारा इन हेरिटेज भवनों के जीर्णोद्धार में असमर्थता जताए जाने के बाद प्रशासन ने काम शुरू किया था।
इससे पहले, एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि सेक्टर 17 में 500 सार्वजनिक या निजी स्वामित्व वाली विरासत इमारतों में से केवल 23.40 प्रतिशत ही अपने मूल वास्तुशिल्प पहलू को बनाए रख रहे थे। सरकारी भवनों का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा, सेक्टर 17 प्लाजा के लिए प्रशासन की कायाकल्प योजना में जीवंत भूनिर्माण, फूड कोर्ट, एक नया फव्वारा, मूर्तिकला प्लाजा, नए फुटपाथ, वृक्षारोपण, फर्नीचर और समान प्रकाश व्यवस्था शामिल है। लेकिन, 2018 से जब योजना की परिकल्पना की गई थी तब से चीजें धीमी गति से आगे बढ़ रही हैं।
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