January 13, 2025
Uttar Pradesh

‘चंद्रशेखर तो रावण है, इसलिए उनका स्वभाव राक्षसी’ : आचार्य सत्येंद्र दास

‘Chandrashekhar is Ravana, hence his nature is demonic’: Acharya Satyendra Das

अयोध्या, 13 जनवरी । उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने इसे ऐतिहासिक और अद्भुत अवसर बताया। उन्होंने कहा कि भगवान रामलला का स्नान पंचामृत से हुआ और उसके बाद अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद रामलला को सुनहरे रंग का कपड़ा पहनाया गया, मुकुट और हार से सुशोभित किया गया और छप्पन भोग अर्पित किए गए। इसके साथ ही भव्य आरती भी की गई। यह उत्सव देखने लायक था। यह उत्सव दिव्य था।

आचार्य सत्येंद्र दास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने व्यस्तता के बावजूद इस कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री का प्रयागराज में भी कार्यक्रम था, लेकिन वह रामलला के प्राण प्रतिष्ठा उत्सव में शामिल हुए, जो उनके समर्पण और योगदान को दर्शाता है। मुख्यमंत्री का प्रयागराज का कार्यक्रम भी अद्वितीय है।

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को कहा कि महाकुंभ में वही लोग जाएंगे जिन्होंने पाप किए हैं। इस पर आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “एक नेता ने कहा था कि बीजेपी के लोग पापी हैं। लेकिन अब चंद्रशेखर, रावण हैं तो उनका राक्षसी स्वभाव ही होगा। रावण होने के कारण वह राम का विरोध करेंगे ही। और कुंभ में सभी तरह के लोग आते हैं। किसी को कोई रोक नहीं है। वह ऐसा बोलकर अपना नुकसान करते हैं। वहां ब्रह्मा जी ने आकर यज्ञ किया था इसलिए उसका नाम प्रयागराज पड़ा था। यह उनके लिए नुकसानदेह है।”

वक्फ बोर्ड को लेकर आचार्य सत्येंद्र दास ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने वक्फ बोर्ड को ‘माफिया बोर्ड’ कहा था। आचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान सही था, क्योंकि वक्फ बोर्ड की अधिकांश भूमि विवादास्पद रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक इंच जमीन गरीबों को दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ने मिलकर राम मंदिर के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और इस समस्या का समाधान कर दिया है। उनका कहना है कि दोनों नेताओं के कारण ही आज राम मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है।

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