सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने आज केमिस्टों से आग्रह किया कि वे किसी भी परिस्थिति में 18 वर्ष से कम आयु के लोगों को प्रतिबंधित दवाइयां न बेचें। स्थानीय केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों को संबोधित करते हुए सिंह ने उनसे सिंथेटिक दवाओं और प्रतिबंधित दवाओं के वितरण पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
बैठक में सोलन के लगभग 20 खुदरा दवा विक्रेताओं को ऐसी दवाओं के घातक प्रभावों से अवगत कराया गया तथा बताया गया कि किस प्रकार इनका सेवन आज की युवा पीढ़ी के लिए गंभीर खतरा बन गया है।
एसपी ने कहा, “उनकी बढ़ती उपलब्धता युवाओं में नशे की लत और अपराध को बढ़ावा देती है।” उन्होंने अवैध बिक्री को रोकने के लिए पुलिस और केमिस्टों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों पर जोर दिया। एसपी ने कहा, “यह साझेदारी कानूनी अनुपालन तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सामूहिक प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित करती है।”
सिंथेटिक ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए एसपी ने कहा, “सिंथेटिक ड्रग्स ऐसे रसायन होते हैं जो प्राकृतिक रूप से बनने के बजाय प्रयोगशाला में तैयार किए जाते हैं। ये न केवल उपभोक्ता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, बल्कि अपराध को भी बढ़ावा देते हैं, युवाओं में नशे की लत को बढ़ावा देते हैं और पारिवारिक स्थिरता को कमजोर करते हैं।” इस बैठक के दौरान केमिस्टों को इस बारे में भी जागरूक किया गया कि कैसे नशे के आदी लोग नकली नुस्खे बना सकते हैं और मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित दवाएँ खरीदने की कोशिश कर सकते हैं।
उनसे अनुरोध किया गया कि वे इस विषय पर कोई भी जानकारी साझा करें तथा इस बुराई को मिटाने में पुलिस की मदद लेने में संकोच न करें, ताकि एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज की स्थापना की जा सके।
एसपी ने कहा कि केमिस्ट 76509-95001 पर कॉल कर शरारती तत्वों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। दवा विक्रेताओं को सुझाव दिया गया कि वे अपनी दुकानों में उचित स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं, ताकि कर्मचारियों और आने-जाने वालों पर नजर रखी जा सके और प्रतिबंधित दवाओं की अनाधिकृत बिक्री पर अंकुश लगाया जा सके।