अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक्स’ हैंडल को संचालित किया। यह कदम पीएम मोदी के उस वादे का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि महिला दिवस के मौके पर उनके सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं। वैशाली ने पीएम के ‘एक्स’ हैंडल से पोस्ट करते हुए कहा कि वह इस मौके से रोमांचित हैं और देश का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व महसूस करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला दिवस पर अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पहले ही ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा की थी। उन्होंने लिखा, “महिला दिवस पर हम अपनी नारी शक्ति को नमन करते हैं! हमारी सरकार ने हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम किया है, जो हमारी योजनाओं और कार्यक्रमों में झलकता है। आज, जैसा कि वादा किया था, मेरे सोशल मीडिया अकाउंट उन महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रही हैं।” इस वादे को पूरा करते हुए शनिवार को वैशाली ने पीएम के ‘एक्स’ हैंडल की कमान संभाली।
पीएम के हैंडल से पोस्ट करते हुए वैशाली ने अपने संदेश में लिखा, “वणक्कम! मैं वैशाली हूं और मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मैं हमारे पीएम नरेंद्र मोदी जी के सोशल मीडिया को संभाल रही हूं, वो भी महिला दिवस पर। जैसा कि आप में से कई लोग जानते हैं, मैं शतरंज खेलती हूं और मुझे अपने प्यारे देश का कई टूर्नामेंट्स में प्रतिनिधित्व करने पर बहुत गर्व है।”
उन्होंने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा, “मेरा जन्म 21 जून को हुआ था, जो संयोग से अब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में लोकप्रिय है। मैं 6 साल की उम्र से शतरंज खेल रही हूं। यह मेरे लिए एक सीखने वाला, रोमांचक और फायदेमंद सफर रहा है, जो मेरे कई टूर्नामेंट और ओलंपियाड की सफलताओं में दिखता है। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।”
वैशाली ने अपने संदेश में महिलाओं, खासकर युवा लड़कियों को प्रेरित करते हुए कहा, “मैं सभी महिलाओं, खासकर युवा लड़कियों को कहना चाहती हूं कि अपने सपनों का पीछा करें, चाहे कितनी भी बाधाएं आएं। आपका जुनून आपकी सफलता की ताकत बनेगा। मैं महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में अपने सपने को फॉलो करने और बाधाओं को तोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, क्योंकि मुझे पता है कि वे ऐसा कर सकती हैं।”
उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा साझा करते हुए कहा, “मैं अपनी एफआईडीई रैंकिंग को और बेहतर करना चाहती हूँ और अपने देश को और गौरवान्वित करना चाहती हूं। शतरंज ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैं इस खेल में और योगदान देने के लिए उत्सुक हूं। इसी भावना के साथ, मैं युवा लड़कियों से कहना चाहती हूं कि वे अपनी पसंद का कोई भी खेल चुनें। खेल सबसे अच्छे शिक्षक में से एक है।”
वैशाली ने माता-पिता और भाई-बहनों से भी अपील की। उन्होंने कहा, “मैं माता-पिता और भाई-बहनों से कहना चाहती हूं- लड़कियों का समर्थन करें। उनकी क्षमताओं पर भरोसा करें, वे चमत्कार कर दिखाएंगी। मेरे जीवन में मेरे माता-पिता, थिरु रमेशबाबू और थिरुमति नागालक्ष्मी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मेरे भाई के साथ मेरा गहरा रिश्ता है। मेरे कोच, टीम के साथी और विश्वनाथन आनंद सर से मुझे प्रेरणा मिलती है।”
उन्होंने मौजूदा समय में भारत में महिलाओं के लिए बढ़ते समर्थन की भी तारीफ की। वैशाली ने कहा, “मुझे लगता है कि आज का भारत महिला एथलीटों को बहुत समर्थन देता है, जो बहुत प्रोत्साहन देने वाला है। महिलाओं को खेलों में आगे बढ़ाने से लेकर प्रशिक्षण और पर्याप्त खेल अनुभव देने तक, भारत जो प्रगति कर रहा है, वह असाधारण है।”