शिमला, 7 जुलाई भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) की जिला कमेटी राज्य कमेटी के आह्वान पर 18 जुलाई को शिमला, रामपुर और रोहड़ू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित कर्मचारी विरोधी, मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।
यह निर्णय आज यहां सीआईटीयू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा की अध्यक्षता में आयोजित समिति की बैठक में लिया गया। बैठक के दौरान सीआईटीयू के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र की ‘नवउदारवादी’ और ‘पूंजीवाद समर्थक’ नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता और आजीविका का संकट बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, “लोग महंगाई से परेशान हैं क्योंकि पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और खाद्य वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।” सीआईटीयू इन प्रदर्शनों के माध्यम से 26,000 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन तथा सभी श्रमिकों के लिए पेंशन सुनिश्चित करने की मांग करेगी।
वे यह भी मांग करेंगे कि सरकार विद्युत संशोधन विधेयक सहित चार “श्रम-विरोधी” कानूनों को निरस्त करे, तथा कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (ईडीएलआई) जैसे वेतन और लाभों में कटौती पर रोक लगाए।
इसके अलावा, निकाय ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा, नियमित कर्मचारियों के बराबर अनुबंध श्रमिकों के लिए नौकरी की सुरक्षा, केंद्र और राज्य सरकार के बोर्डों और निगमों के लिए ओपीएस को बहाल करने और 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन लागू करने की मांग की।
सीटू आंगनवाड़ी, आशा और मिड-डे मील कर्मियों को नियमित करने और सामाजिक सुरक्षा देने, मनरेगा और निर्माण कर्मियों के लिए श्रम कल्याण बोर्ड में आर्थिक लाभ बहाल करने और उन्हें पंजीकृत करने, एसटीपी कर्मियों के लिए अनुसूचित रोजगार घोषित करने और आउटसोर्स और अस्पताल कर्मियों के लिए नीतियां बनाने की भी वकालत करेगी। मेहरा ने कहा कि सीटू केंद्र सरकार की इन नीतियों के खिलाफ अपना विरोध तेज करेगी। उन्होंने मजदूरों के साथ-साथ आम जनता से भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की।
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