रांची, 16 अक्टूबर । झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने देवघर जिले के सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा को बुधवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई एसीबी की दुमका इकाई ने की। गिरफ्तारी के बाद उन्हें देवघर से दुमका ले जाया गया। बताया गया कि सिविल सर्जन ने किसी विभागीय काम के लिए एक व्यक्ति से रिश्वत की मांग की थी। इसकी शिकायत एसीबी से की गई थी।
शिकायत के सत्यापन के बाद बुधवार को एजेंसी ने ट्रैप लगाकर उन्हें रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया। जून से लेकर अब तक झारखंड में एसीबी की कार्रवाई में 15 अफसरों और कर्मियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
7 अक्टूबर को बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड में एक पंचायत की मुखिया के पति सुंदर महतो को सरकारी योजना में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सितंबर महीने में हजारीबाग के प्रादेशिक परिवहन प्राधिकार कार्यालय में तैनात क्लर्क विकास कच्छप और लातेहार सदर हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट परमानंद कुमार को पकड़ा गया था।
अगस्त महीने में गढ़वा जिले के कांडी हाई स्कूल की प्रभारी प्राचार्या विद्यानी बाखला और हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड की एक पंचायत की मुखिया विमला देवी और उनके पति राजकुमार, जुलाई में लोहरदगा में पदस्थापित जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विभाकर कुमार, हजारीबाग में खासमहाल शाखा के कर्मचारी ओहदार तिर्की, लातेहार जिले के बारियातू थाने के एएसआई धीरेंद्र कुमार, जून में रांची के रातू थाने के दारोगा सत्येंद्र सिंह, गढ़वा जिले के चिनिया प्रखंड में सहायक अभियंता अनुज कुमार रवि, सरायकेला एलआरडीसी ऑफिस की हेडक्लर्क स्वागता नंदी और रांची स्थित झारखंड मंत्रालय की सेक्शन ऑफिसर ममता झरना एक्का एवं एक अन्य कर्मी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए थे।
पिछले तीन साल में एसीबी की कार्रवाई के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के सरकारी कार्यालयों और विकास योजनाओं में रिश्वत लेते हुए औसतन हर नौवें दिन एक अफसर या कर्मचारी की गिरफ्तारी हो रही है।