सोलन, 7 जून राष्ट्रीय राजमार्ग 5 के सोलन-कंडाघाट खंड पर स्थित सलोगरा गांव के निवासी गुरुवार को उस समय विवाद में फंस गए, जब राजमार्ग पर स्थित एक पुलिया से पानी बहने के कारण उनके घरों और कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचा।
सलोगरा में कीचड़ में फंसा एक क्षतिग्रस्त पावर टिलर। सोलन के एसडीएम ने किया घटनास्थल का दौरा एनएचएआई अधिकारियों द्वारा उपायुक्त को ज्ञापन दिए जाने के बाद सोलन के एसडीएम ने घटनास्थल का दौरा किया, क्योंकि ग्रामीणों ने अधिक नुकसान के डर से स्वयं ही पुलिया को बंद कर दिया था।
कल शाम को भारी बारिश हुई और पुलिया से बहता पानी एक घर की दीवार को गिरा गया और दूसरे घर में कीचड़ जमा हो गया। इसके अलावा, बारिश के कारण कृषि योग्य भूमि पर कीचड़ हो गया। ग्रामीणों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई।
गुरुवार सुबह घटनास्थल का दौरा करने पहुंची भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों की टीम को गुस्साए ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
एनएचएआई, शिमला के तकनीकी प्रबंधक अचल जिंदल ने कहा कि उन्होंने गुरुवार सुबह घटनास्थल का दौरा किया था, जहां ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि बुधवार शाम की बारिश के बाद एक पुलिया से पानी बहने के कारण उनके घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि यह एक पुरानी पुलिया थी, जिसे चौड़ा किया गया है और इस हिस्से पर तीन पुलियों के माध्यम से वर्षा जल को निकालने का प्रयास किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई केवल अधिग्रहित सड़क पर ही काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि एनएचएआई ने बारिश के पानी को चैनलाइज करने के लिए पुलिया के नीचे एक डिस्सिपेटर लगाने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसके नीचे की जमीन निजी संपत्ति है, जिस पर एनएचएआई कोई काम नहीं कर सकता।
एनएचएआई अधिकारियों द्वारा उपायुक्त को ज्ञापन दिए जाने के बाद सोलन के एसडीएम ने भी घटनास्थल का दौरा किया, क्योंकि ग्रामीणों ने अधिक नुकसान के डर से स्वयं ही पुलिया को बंद कर दिया था।
इसके अलावा, एक गौशाला में दरारें आ गईं तथा खेतों में लगा एक पावर टिलर क्षतिग्रस्त हो गया, क्योंकि मलबा काफी दूर तक बह गया।
मिड-डे मील वर्कर के तौर पर काम करने वाली बिमला देवी ने बताया कि उन्होंने बहुत मुश्किलों के बाद दो कमरों का घर बनाया था। उन्होंने बताया कि उनका घर कीचड़ से भर गया था, जिसकी वजह से घर क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि उनके बीमार बेटे के साथ रहने के लिए उनके पास कोई जगह नहीं है।
एक अन्य ग्रामीण रक्षा शर्मा ने कहा कि पहले इस जगह पर कोई पुलिया नहीं थी और इसे कुछ शक्तिशाली लोगों के प्रभाव में बनाया गया था। ग्रामीणों ने कहा कि राजमार्ग के खराब डिजाइन ने उनके लिए समस्याएँ खड़ी कर दी हैं।
उल्लेखनीय है कि एनएचएआई इस राजमार्ग को चार लेन का बना रहा है और पुलिया का निर्माण इसके डिजाइन के अनुसार ही किया गया है। कैथलीघाट तक राजमार्ग के इस हिस्से को चौड़ा करने का करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है।