N1Live National समाज को बांटने की सियासत करते हैं सीएम सरमा, विकास से उनका कोई वास्ता नहीं : सैयद नासिर हुसैन
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समाज को बांटने की सियासत करते हैं सीएम सरमा, विकास से उनका कोई वास्ता नहीं : सैयद नासिर हुसैन

CM Sarma does politics of dividing the society, he has nothing to do with development: Syed Nasir Hussain

नई दिल्ली, 8 सितंबर । असम में नया आधार कार्ड बनवाने वाले नए आवेदकों को अपनी एनआरसी आवेदन रसीद संख्या जमा करनी होगी। इसका ऐलान सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को किया। असम सरकार के फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि सीएम सरमा हर समय समाज को बांटने में लगे रहते हैं। वो उन मुद्दों पर ज्यादा बोलते है, जिससे समाज में व‍िभाजन पैदा हो। वो विकास, प्रगति और आम जनता के कल्याण की कोई बात नहीं करते हैं।

नासिर हुसैन ने कहा कि सीएम सरमा आम लोगों की सुविधाओं को लेकर कोई बातचीत नहीं करते। असम सरकार की ओर से कोई नई योजनाएं नहीं आ रही हैं। कोई नया रोड और पुल नहीं बन रहा। आम आदमी के प्रति सीएम सरमा अपनी कोई जिम्मेदारी नहीं समझते हैं। उनकी सियासत सिर्फ मुस्लिम विरोध पर टिकी हुई है। इसी के आधार पर उनकी सियासत की दुकान चल रही है।

आप विधायक सोमनाथ भारती द्वारा कांग्रेस को स्वार्थी ठहराये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हरियाणा को लेकर आप से बातचीत हो रही है, कितने सीटों पर हो रही, क्या हो रही, इसको लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। मैं इतना ही कहूंगा कि कुछ लोग इधर-उधर की बयानबाजी करते रहते हैं। जो भी तय होगा, आलाकमान के साथ मिलकर तय होगा।

हरियाणा में सीएम फेस के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर हमारे यहां कोई फैसला नहीं हुआ है। हमारे यहां मुख्यमंत्री का चेहरा पहले से तय नहीं होता। हम लोग सामूहिक नेतृत्व में यकीन करते हैं और आगे बढ़कर चुनाव लड़ते हैं। किसी एक चेहरे पर हम चुनाव नहीं लड़ते हैं। चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम के चेहरे का चयन होता है।

टीएमसी सांसद जवाहर सरकार के राज्यसभा से इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये टीएमसी का आंतरिक मसला है। इसको लेकर हमें कोई जानकारी नहीं है। वो और मैं राज्यसभा में साथी थे। ऐसे में उनके बारे में मैं टिप्पणी करना ठीक नहीं समझता हूं। मैं सिर्फ इतना ही कहता हूं कि किसी भी राज्य सरकार को कानून व्यवस्था को काबू में रखना चाहिए। संवेदनशील मामलों में तुरंत करवाई होनी चाहिए और पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए।

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