N1Live National आप-कांग्रेस गठबंधन की चर्चा पर रोहन गुप्ता का तंज- ‘एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई’
National

आप-कांग्रेस गठबंधन की चर्चा पर रोहन गुप्ता का तंज- ‘एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई’

Rohan Gupta's taunt on the discussion of AAP-Congress alliance - 'Well on one side, ditch on the other'

नई दिल्ली, 8 सितंबर । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रोहन गुप्ता ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन को लेकर जारी चर्चाओं पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यह एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई जैसी स्थिति है।

रोहन गुप्ता ने कहा, “पिछले कई दिनों से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का खेल पूरा देश देख रहा है। एक राज्य में गाली और दूसरे राज्य में ताली, इस प्रकार की राजनीति नहीं चल सकती है। दिल्ली और हरियाणा एक-दूसरे से जुड़े हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ‘मटका फोड़ आंदोलन’ करती है, लेकिन हरियाणा जाते ही इनके सुर बदल जाते हैं। यह गठबंधन पूरी तरह बेमेल है। आप लोग देश की जनता को बेवकूफ नहीं बना सकते।”

उन्होंने कहा, ”पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी के बारे में कहते हैं कि यह देश की सबसे भ्रष्ट पार्टियों की फेहरिस्त में शुमार है और हम इनसे लड़ते रहेंगे। पंजाब के बाद उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाइए, तो दोनों साथ में चुनाव लड़ने का ऐलान करते हैं। आखिर आपने जनता को बेवकूफ क्यों समझा हुआ है। कांग्रेस की यह चुनावी मजबूरी बन चुकी है कि वो इस तरह का गठबंधन कर रही है।”

उन्होंने कहा, ”मैं इस गठबंधन के संदर्भ में एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जनता इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से इन लोगों के बीच में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि हमने गठबंधन तो कर लिया है, लेकिन क्या जनता हमें स्वीकार करेगी। मुझे लगता है कि मौजूदा समय में यह कन्फ्यूजन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच है। हरियाणा की जनता इस गठबंधन को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी।”

उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य की बात है कि अगर दोनों दल गठबंधन करेंगे तो भी नुकसान है और अगर नहीं करेंगे, तो भी नुकसान है। किसी भी सूरत में फायदा होने वाला नहीं है। सूबे की जनता अब इन दोनों ही पार्टियों की मंशा को भली-भांति समझ चुकी है। जनता इस गठबंधन को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है। अब कांग्रेस के लिए सबसे मुश्किल स्थिति यह है कि उसे यह समझ नहीं आ रहा है कि किस तरफ जाएं।”

Exit mobile version