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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिले सीएम विष्णु देव साय, छत्तीसगढ़ की चार रेल परियोजनाओं पर चर्चा

CM Vishnu Dev Sai meets Railway Minister Ashwini Vaishnav, discusses four railway projects of Chhattisgarh

नई दिल्ली, 18 जुलाई। भाजपा शासित छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस दौरान राज्य में रेल से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री साय ने राज्य की विभिन्न नई रेल परियोजनाओं के बारे में रेल मंत्री से चर्चा की। रेल भवन में हुई बैठक में उन्होंने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया।

शीर्ष नेताओं की मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ की चार प्रमुख रेल परियोजनाओं धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना, अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना, खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा नई रेल लाइन परियोजना और रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना को जल्द शुरू करने का आग्रह किया।

धर्मजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा नई लाइन परियोजना (240 किमी) पत्थलगांव, कुनकुरी, जशपुर नगर, गुमला आदि महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। यह उत्तरी छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ेगी। इस परियोजना के माध्यम से औद्योगिक (कोरबा) क्षेत्र को लोहरदगा से जोड़ने की योजना है। इसके अतिरिक्त, यह क्षेत्र को पूर्व में कोरबा और रांची होकर मध्य भारत से जोड़ेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 16 हजार करोड़ रुपए है।

अंबिकापुर-बरवाडीह नई लाइन परियोजना (200 किमी) की मांग आजादी से पहले 1925 में की गई थी। हालांकि, 1948 में मंजूरी मिलने के बावजूद यह अब तक अधूरी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना अंबिकापुर (उत्तरी छत्तीसगढ़) को बरवाडीह (झारखंड) से जोड़ेगी और परसा, राजपुर, चंदनपुर आदि महत्वपूर्ण शहरों को कनेक्ट करेगी। इसके माध्यम से देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में कोयला और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग नौ हजार करोड़ रुपए है।

खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा नई रेल लाइन परियोजना (277 किमी) देश के पश्चिमी क्षेत्र में एसईसीएल और एमसीएल कोयला क्षेत्रों की निकासी के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है। यह बिलासपुर और रायपुर स्टेशनों को बायपास करते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग आठ हजार करोड़ रुपए है।

रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन परियोजना (140 किमी) पहले से ही दल्ली-राजहरा-रावघाट 95 किमी नई रेलवे लाइन का निर्माण कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने सुझाव दिया कि इस लाइन को जगदलपुर तक बढ़ाया जाए, ताकि आदिवासी क्षेत्र का आर्थिक और सामाजिक विकास किया जा सके। यह परियोजना छत्तीसगढ़ के खनिज समृद्ध क्षेत्र से इस्पात उद्योगों तक लौह अयस्क की निकासी के कुशल और पर्यावरण अनुकूल साधन प्रदान करेगी। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 3,500 करोड़ रुपए है।

बैठक के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन परियोजनाओं की संभावनाओं और लाभों को स्वीकार किया और इन पर तेजी से काम करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं और रेलवे मंत्रालय इन्हें प्राथमिकता देगा।

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