गोरखपुर, 4 अक्टूबर । शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखनाथ मंदिर में मां आदिशक्ति की उपासना का विशेष अनुष्ठान वैदिक विधि विधान से शुरू किया गया।
इस दौरान गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीठ की परंपरा के अनुसार मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्तिपीठ में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश स्थापना कर प्रथम दिन मां शैलपुत्री की विधि विधान से पूजा अर्चना की।
शारदीय नवरात्र प्रतिपदा का अनुष्ठान मां जगतजननी की आराधना, देवी पाठ, आरती और क्षमा प्रार्थना के साथ पूर्ण हुआ।
कलश स्थापना से पहले गोरखनाथ मंदिर परिसर में भव्य कलश शोभायात्रा पारंपरिक तरीके और श्रद्धाभाव से निकाली गई। शाम के समय गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में साधु-संतों की शोभायात्रा, परंपरागत वाद्य यंत्रों घंट-घड़ियाल, तुरही, शंख की ध्वनियों और मां दुर्गा के जयघोष के बीच पौराणिक मान्यता वाले भीम सरोवर पर पहुंची। जहां कलश भरने और सरोवर की परिक्रमा के बाद शोभायात्रा वापस शक्तिपीठ आई।
इसके बाद जल से भरा कलश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उठाया और शक्तिपीठ के गर्भगृह में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया।
उन्होंने सबसे पहले मां दुर्गा, भगवान शिव और गुरु गोरखनाथ के शस्त्र त्रिशूल को प्रतिष्ठित करके गौरी-गणेश की आराधना की। इसके साथ ही दुर्गा मंदिर (शक्तिपीठ) के गर्भगृह में श्रीमददेवीभागवत का पारायण पाठ एवं श्रीदुर्गासप्तशती के पाठ का भी शुभारंभ हो गया। पाठ के उपरांत आरती और प्रसाद वितरण भी किया गया।