मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि सरकार 2025-26 के बजट में दिव्यांग बच्चों के लिए एक व्यापक योजना शुरू करने की योजना बना रही है। उन्होंने शिमला जिले के हीरानगर में 6.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित दिव्यांग बच्चों के लिए पहले आवासीय विद्यालय का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, “अगले बजट में हम शिक्षकों के साथ परामर्श करके विशेष रूप से सक्षम बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक नई योजना तैयार करने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि हीरानगर स्कूल हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह का अनूठा स्कूल है जो छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और मुफ्त आवास सुविधाओं के साथ-साथ मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार सुन्दरनगर (मण्डी) और लुथान (कांगड़ा) में 92.33 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसरों का निर्माण कर रही है, जिनमें 400 व्यक्तियों के रहने की क्षमता होगी।
यह स्कूल छह से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है और उन्हें अत्याधुनिक सुविधाएँ प्रदान करेगा। सुखू ने कहा कि स्कूल में 16 आधुनिक कक्षाएँ हैं, जिनमें एक कंप्यूटर लैब, संगीत कक्ष और एक बहुउद्देशीय हॉल शामिल है। छात्रावास ब्लॉक में 50 बच्चे रह सकते हैं और इसमें एक चिकित्सा कक्ष के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए आवासीय क्वार्टर भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “हिमाचल बेसहारा बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए कानून बनाने वाला पहला राज्य है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत, सरकार ने उन्हें ‘राज्य के बच्चों’ के रूप में अपनाया है और न केवल उनकी शिक्षा का खर्च उठा रही है, बल्कि उन्हें 4,000 रुपये मासिक पॉकेट मनी भी दे रही है।” उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में सरकार ने इस योजना के तहत 38.50 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की थी, जबकि दूसरे बजट में विधवाओं के 23,000 बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने का प्रावधान किया गया।
सुखू ने कहा कि सरकार कमजोर वर्गों की सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है और सोलन जिले के कंडाघाट में 9,000 दिव्यांग बच्चों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को 1,150 रुपये से 1,700 रुपये तक मासिक भत्ता प्रदान कर रही है।
बिलासपुर में छह योजनाओं का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 11 दिसंबर को बिलासपुर में आयोजित रैली में छह नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। कांग्रेस प्रभारी और एआईसीसी महासचिव राजीव सुखला इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।
सुक्खू ने बिलासपुर के लुहणू मैदान में आयोजित होने वाली रैली की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि छह योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें राजीव गांधी स्टार्ट-अप स्वरोजगार योजना के तहत ई-टैक्सी और विधवाओं के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता देने वाली इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना शामिल है।
उन्होंने कहा कि शुरू की जाने वाली अन्य योजनाओं में एचपी शिवा परियोजना, हिमभोग आटा, गोबर खरीद और उन किसानों को धन हस्तांतरित करना शामिल है, जिनकी प्राकृतिक रूप से उगाई गई मक्का को राज्य सरकार ने खरीदा है। उन्होंने कहा कि पांच आयुष मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी और वृद्ध पेंशन योजना (ओपीएस) और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लाभार्थियों को चेक दिए जाएंगे।
सुक्खू ने कहा कि रैली में 30,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि समारोह ‘व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल’ की थीम पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बिलासपुर जिला प्रशासन को रैली में भाग लेने वाले लोगों के लिए यातायात, पेयजल, शौचालय और खाद्य पदार्थों के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकार समारोह के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करेगी।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल बैठक में शामिल हुए, जबकि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी बिलासपुर से वर्चुअल माध्यम से इसमें शामिल हुए।