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झारखंड में कांग्रेस भी चुनावी मुहिम में जुटी, ‘हर घर खटाखट कार्यक्रम’ होगा शुरू

Congress also engaged in election campaign in Jharkhand, 'Knock knock program at every house' will start

रांची, 24 जुलाई । झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सांगठनिक ‘कल-पुर्जों’ को दुरुस्त करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने का अभियान शुरू कर दिया है।

झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को रांची में पार्टी के विधायकों, जिलाध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों, ओबीसी और अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रबुद्ध लोगों के साथ अलग-अलग मैराथन बैठक की और उनसे चुनावी मुद्दों और पार्टी की रणनीति पर चर्चा की।

इसके साथ ही युवा कांग्रेस की ओर से ‘हर घर खटाखट’ कार्यक्रम लॉन्च किया गया, जिसके जरिए कार्यकर्ता झारखंड सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में प्रत्येक पंचायत, गांव एवं वार्ड में घर-घर जाकर बताएंगे।

गुलाम अहमद मीर ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए विपक्ष के पास मुद्दे नहीं हैं। वे जबरन भावनात्मक विषयों को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें मौका नहीं देना है। उनके हौसले पस्त हैं। केंद्रीय बजट में झारखंड की उपेक्षा से यह बात सामने आ गई है कि यह राज्य उनकी प्राथमिकताओं में है ही नहीं। ऐसे में जरूरत है कि हम जनता को बताएं कि उनके साथ केंद्र की सरकार किस तरह अन्याय कर रही है।

उन्होंने विधायकों से कहा कि आप खुद को सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र तक सीमित नहीं रखें, बल्कि अपने जिले और संसदीय सीट के तमाम विधानसभा क्षेत्रों तक जाएं। कोशिश हो कि गांवों में निचले स्तर तक सरकार के कार्य और कार्यक्रम पहुंचे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बैठकों में उन बिंदुओं को रखा, जिन्हें पार्टी की ओर से जनता तक पहुंचाया जाना है। उन्होंने झारखंड सरकार की ओर से किए गए कार्यों, पिछड़ा, दलित, महिला और आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड, राज्य में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई जैसे विषयों पर अपने पक्ष में सकारात्मक जनमत बनाने पर जोर दिया।

विधायकों की बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, दीपिका पांडे सिंह, डॉ. इरफान अंसारी, विधायक प्रदीप यादव, शिल्पी नेहा तिर्की, नमन विकसल कौनगारी, भूषण बाड़ा, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, अनूप सिंह, रामचंद्र सिंह, जयप्रकाश भाई पटेल, उमाशंकर यादव अकेला उपस्थित रहे। इसके बाद जिला अध्यक्षों एवं जिला प्रभारियों, ओबीसी और अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रबुद्ध लोगों के साथ अलग-अलग बैठकें हुईं।

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