February 11, 2025
National

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दिया स्थगन प्रस्ताव, अमेरिका से निर्वासित भारतीयों की स्थिति पर चर्चा की मांग

Congress MP Manish Tiwari gave adjournment motion in Lok Sabha, demanding discussion on the situation of Indians deported from America.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सोमवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण स्थगन प्रस्ताव दिया है। अपने प्रस्ताव में उन्होंने अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों के साथ किए गए व्यवहार और इस पर भारत सरकार के रुख पर चर्चा की मांग की है। सांसद ने अपने प्रस्ताव में कहा कि वह लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कराना चाहते हैं, ताकि इस अहम और तात्कालिक मुद्दे पर चर्चा की जा सके।

मनीष तिवारी ने कहा कि यह सदन शून्यकाल और प्रश्नकाल सहित दिन के अन्य निर्धारित कार्यों को स्थगित कर भारतीय नागरिकों के अमेरिका से निर्वासन के दौरान किए गए व्यवहार और भारत सरकार की प्रतिक्रिया पर चर्चा करे। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अनुमान के अनुसार, लगभग 7.25 लाख भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं, जिनमें से 24 हजार लोगों को वर्तमान में हिरासत में रखा गया है। इनमें से 487 व्यक्तियों पर अंतिम निर्वासन आदेश जारी किए गए हैं और 298 की पहचान भारतीय नागरिक के रूप में हुई है।

उन्होंने कहा कि कुछ रिपोर्ट्स और दृश्यों से यह संकेत मिलता है कि भारतीय निर्वासित नागरिकों को हाथों में हथकड़ी समेत अन्य प्रतिबंधात्मक उपायों का सामना करना पड़ा है। इससे गहरी चिंता और परेशानी उत्पन्न हो रही है। देश के ऐसे नागरिक जिन्होंने बेहतर जीवन की तलाश में विदेश जाने का फैसला किया, उन्हें सम्मान और मानवाधिकारों के तहत उचित व्यवहार मिलना चाहिए।

तिवारी ने इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए भारत सरकार से यह स्पष्ट करने का अनुरोध किया। साथ ही पूछा कि क्या अमेरिकी कानून के तहत इन निर्वासित नागरिकों के साथ उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था? उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार किस प्रकार के कूटनीतिक कदम उठा रही है ताकि भारतीय नागरिकों के अधिकार और गरिमा की रक्षा हो सके।

मनीष तिवारी ने आगे कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रीय महत्व का है क्योंकि यह भारतीय नागरिकों की विदेश में सुरक्षा और उनके साथ होने वाले व्यवहार से संबंधित है। उन्होंने सरकार से यह अपील की कि सदन को सूचित किया जाए कि सरकार ने इस मामले में किस तरह के कदम उठाए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

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