बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कई मुद्दों पर टिप्पणी की। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तेजस्वी यादव की बैठक, वक्फ कानून के विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा, एनडीए से जीतन राम मांझी की नाराजगी और एनडीए से पशुपति कुमार पारस का नाता तोड़ने पर बेबाकी से अपनी राय रखी।
दिल्ली में खड़गे और तेजस्वी की प्रस्तावित बैठक को लेकर दिलीप जायसवाल ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ‘बेमेल’ है। दोनों का एजेंडा एक-दूसरे को कमजोर करने का है। राजद कभी नहीं चाहेगा कि कांग्रेस एक बार फिर बिहार में अपना पैर पसारने का काम करें। कांग्रेस चाहती है कि वह राजद से ‘बड़ा भाई’ बनकर बिहार की राजनीति में अपनी जगह बनाए। दोनों में तालमेल नहीं है, ये केवल चुनावी मजबूरी का गठबंधन है। यह ‘मेढकों’ का गठबंधन है जो एक ही तालाब में खुद को बड़ा साबित करना चाहते हैं।”
वक्फ बिल को लेकर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा और सीएम ममता द्वारा मुस्लिम समुदाय के नेताओं से की जा रही मुलाकातों पर भी जायसवाल ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज के लोगों की हत्या हुई है, लेकिन सीएम ममता उनके परिजनों से नहीं मिलतीं। वह सिर्फ एक वर्ग विशेष के लोगों से मुलाकात कर रही हैं। उन्हें अपनी आदतों में सुधार लाना चाहिए।
एनडीए से जीतन राम मांझी की नाराजगी को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी जी बहुत खुश हैं, हमसे भी ज्यादा खुश हैं। वह हमसे भी ज्यादा खुश हैं। उनकी खुशहाली की कोई सीमा नहीं है।
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति कुमार पारस द्वारा एनडीए से नाता तोड़ने को लेकर दिलीप जायसवाल ने कहा कि एनडीए का गठबंधन लोजपा के साथ है। लोजपा के अंदर जो पारिवारिक मतभेद हैं, उससे हमें कोई लेना-देना नहीं है।