मंडी से सांसद कंगना रनौत और विवाद का चोली-दामन का साथ है। उन्होंने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार कर्ज लेकर सोनिया गांधी को दे देती है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस गुस्से में है और पार्टी के नेता उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दे रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां कहा, “अगर वह अपने बेतुके दावे को दस्तावेजी सबूतों के साथ साबित नहीं करती हैं या माफी नहीं मांगती हैं, तो पार्टी उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेगी।” नाराज मंत्री ने कंगना को “कम पढ़ी-लिखी” और उनके बयान को “मूर्खतापूर्ण” तक कह दिया।
विक्रमादित्य ने कहा, “इससे ज़्यादा मूर्खतापूर्ण बयान कोई और नहीं हो सकता। यह उनके बौद्धिक दिवालियापन को दर्शाता है। वह ज़्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं और यह बात उनके बयानों में बार-बार झलकती है।”
मनाली में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कंगना ने यह आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर राज्य को बर्बाद करने का आरोप लगाया और कहा, “सरकार कर्ज लेती है और उस पैसे को सोनिया गांधी को देती है। और अगर हमें केंद्र सरकार से आपदा राहत मिलती भी है, तो वह सोनिया गांधी के पास चली जाती है। राज्य को बर्बाद करने की साजिश है।”
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मंडी सांसद के आरोप से नाराज़ हैं। उन्होंने कहा, “क्या कोई समझदार व्यक्ति यह सोच सकता है कि केंद्र से आने वाला पैसा सोनिया गांधी के पास जाएगा? यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी मानसिकता को दर्शाता है।”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ने कहा कि कंगना को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “अतीत में उन्होंने कहा था कि भारत को 2014 के बाद स्वतंत्रता मिली और सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्हें बेतुके बयान देने की आदत है और इसलिए उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए।”
इस बीच, विक्रमादित्य ने कहा कि भाजपा को भी उनके बयान का संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा, “भाजपा ने पहले ही उन्हें संवेदनशील मुद्दों पर न बोलने के लिए कहा है, लेकिन वह बेकाबू दिख रही हैं।”