N1Live Himachal हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार वर्ग मीटर पर निर्माण कार्य टीसीपी अधिनियम के दायरे में आएगा
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हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में 1 हजार वर्ग मीटर पर निर्माण कार्य टीसीपी अधिनियम के दायरे में आएगा

Construction work on 1 thousand square meters in rural areas of Himachal will come under the purview of TCP Act.

धर्मशाला, 27 जुलाई सरकार ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण को विनियमित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में 1,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनने वाले किसी भी भवन या बुनियादी ढांचे को नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया है। नगर एवं ग्राम नियोजन तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने आज यहां द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा कि पहले हिमाचल में शहरों और कस्बों की विकास योजनाओं में शामिल क्षेत्र इस अधिनियम के अंतर्गत आते थे।

धर्माणी दिवंगत कांग्रेसी मंत्री जीएस बाली की 70वीं जयंती के अवसर पर नगरोटा बगवां में आयोजित चिकित्सा शिविर की अध्यक्षता करने के लिए कांगड़ा में थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में होने वाले किसी भी निर्माण के लिए अब भूमि उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) भी आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि सीएलयू शुल्क नाममात्र होगा।

उन्होंने कहा कि सरकार टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के तहत नक्शों की मंजूरी को भी कागज रहित बनाने की योजना बना रही है। इस व्यवस्था के तहत निर्माण कार्य करने वाले लोगों को पंजीकृत आर्किटेक्ट के माध्यम से अपने नक्शे ऑनलाइन टाउन एंड कंट्री विभाग को जमा कराने होंगे। नक्शे ऑनलाइन स्वीकृत किए जाएंगे ताकि लोगों को इसके लिए दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें। धर्माणी ने कहा, “हालांकि यह व्यवस्था लागू थी, लेकिन कई आर्किटेक्ट इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे थे क्योंकि वे तकनीक के जानकार नहीं थे।”

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 वर्ग मीटर से अधिक भूमि पर सभी निर्माणों को विनियमित करने का सरकार का निर्णय पिछले मानसून के दौरान राज्य में हुई तबाही के बाद लिया गया है। हालांकि विभाग और स्थानीय निकायों ने शहरी क्षेत्रों में निर्माणों को विनियमित किया था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनियमित था। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को होटल या व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाने के लिए स्थानीय पंचायत से अनुमति लेनी पड़ती थी।

सूत्रों ने बताया कि राज्य का 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र में वर्गीकृत है, इसलिए वहां निर्माण कार्य सामान्यतः अनियमित हैं। पिछले साल मानसून के दौरान व्यास नदी के किनारे बने कई बहुमंजिला होटल नष्ट हो गए थे, जो अनियमित थे।

धर्माणी ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे भवनों और व्यावसायिक परिसरों के पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली के साथ नागोर्ता बगवां में चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया।

धर्माणी ने राज्य और कांगड़ा जिले में मंत्री रहते हुए किए गए विकास कार्यों के लिए जीएस बाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिविर में 3,500 से अधिक मरीजों को मुफ्त इलाज मिला।

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