देहरादून, उत्तराखंड के रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 आईएफएस अफसरों के खिलाफ जांच पूरी हो गई है। विजिलेंस ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में तीनों आईएफएस अफसरों के खिलाफ कॉर्बेट पार्क में अवैध कटान व अतिक्रमण सहित निर्माण के पर्याप्त सबूत सामने आए हैं। रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था। विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा ने इस मामले में बताया कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और गैरकानूनी ढंग से निर्माण को लेकर ओपन जांच किशन चंद सहित तीन आईएफएस अफसरों के खिलाफ विजिलेंस को बीते समय दी गई थी। ऐसे इस जांच को मुकम्मल कर पूरे पर्याप्त सबूत साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गयी है। अब शासन से अनुमति मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जानकारी के अनुसार आईएफएस किशन चंद, राजीव भरतरी और जेएस सुहाग तीनों अफसरों के खिलाफ शुरूआती जांच में कई सबूत विजिलेंस के हाथ लगे हैं, जो मुकदमा दर्ज कराने के लिए काफी हैं। इतना ही नहीं, रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में आरोपित अधिकारियों की पूरे मामले में भूमिका कई तरह से संदिग्ध पाई गई है। ऐसे में अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ शासन से अनुमति मिलते ही मुकदमा दर्ज कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी है।