पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) सिबिन सी ने आज यहां बताया कि चुनाव के लिए मतों की गिनती 4 जून को सुबह 8 बजे राज्य के 117 केंद्रों पर शुरू होगी। कुल 328 उम्मीदवार मैदान में हैं।
अखिल भारतीय सेवाओं और विभिन्न राज्यों के सिविल सेवा संवर्ग से चुने गए कुल 64 मतगणना पर्यवेक्षक मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। अनुभवी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि मतगणना पारदर्शी, कुशलतापूर्वक और भारत के चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए की जाए।
मतगणना केंद्रों के बारे में जानकारी देते हुए सिबिन सी ने बताया कि राज्य में 48 इमारतों और 27 स्थानों पर कुल 117 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से ज़्यादातर स्थान जिला मुख्यालयों में स्थित हैं, जबकि सात स्थान जिला मुख्यालयों से बाहर हैं, जिनमें अजनाला, बाबा बकाला, अबोहर, मलौट, धुरी, छोकरा राहों (नवांशहर) और खूनी माजरा (खरड़) शामिल हैं। संगरूर और नवांशहर में जिला मुख्यालयों पर मतगणना नहीं की जाएगी।
सीईओ ने कहा कि मतगणना केंद्रों पर स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। स्ट्रांग रूम को डबल-लॉक सिस्टम से सुरक्षित किया गया था और सीसीटीवी से लगातार निगरानी की जा रही थी। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और अधिकृत कर्मचारी प्रत्येक स्ट्रांग रूम के बाहर रखी गई एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सुरक्षा की निगरानी कर सकते थे, जो आसपास के क्षेत्र की लाइव फुटेज प्रदर्शित करती थीं। इसके अतिरिक्त, सभी विज़िट को रिकॉर्ड करने के लिए ऑन-ड्यूटी कर्मियों द्वारा एक विज़िटर रजिस्टर बनाए रखा गया था और सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकारी दैनिक निरीक्षण करता था।
सिबिन सी ने कहा कि मतगणना केंद्रों के आसपास व्यापक त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी। केंद्रों तक पहुंच प्रतिबंधित थी, केवल मान्यता प्राप्त व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति थी। मतगणना केंद्रों पर व्यापक निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे थे। इसके अतिरिक्त, किसी भी घटना से तुरंत निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल भी मौजूद थे, जिससे चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सुनिश्चित हो सके।