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बिलासपुर जिला में बना देश का दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज

 बिलासपुर, देश के विकास के लिए हमेशा बलिदान देने वाला, हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला अब विकास की राह पर है। एम्स के बाद अब यहां शिक्षा के क्षेत्र का बड़ा संस्थान, देश का दूसरा हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनकर तैयार है। इस संस्थान का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, 27 अप्रैल 2017 को शिमला दौरे के दौरान, ऑनलाइन किया था। अब करीब साढ़े पांच साल बाद प्रधानमंत्री पांच अक्तूबर को औपचारिक रूप से, इसे हिमाचल को समर्पित करेंगे। साल 2009 में वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जगत प्रकाश नड्डा ने बिलासपुर की बंदलाधार में, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने का सपना देखा। 29 जुलाई 2016 को दिल्ली में इसका MOU साइन हुआ।
नई दिल्ली में हिमाचल सरकार, NHPC और NTPC के बीच इसको लेकर MOU साइन किया गया। उस समय तक यह देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज था, लेकिन बंदला में कॉलेज भवन का निर्माण करने, और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में समय लगा। इस बीच उत्तराखंड के टिहरी में कॉलेज शुरू हो गया। वर्ष 2017-18 से कॉलेज में पहला बैच नगरोटा बगवां में शुरू हुआ। इसमें दोनों निगम NHPC और NTPC ने प्रथम चरण में 75 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में 50 करोड़ रुपये का योगदान किया। कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की 240 सीटें भरी जाएंगी। वर्तमान में सिविल और इलेक्ट्रिकल ट्रेड में ही कक्षाएं लग रही हैं। हर पाठ्यक्रम में 60-60 सीटों के लिए एडमिशन हुआ है।
कॉलेज पैसंठ 65.18 बीघा भूमि पर बना है। इसमें अकादमिक भवन, गर्ल्स, ब्वॉयज हॉस्टल, यूजी टैंक, रेन वाटर कलेक्शन टैंक, फैकल्टी के लिए आवासीय भवन और परिसर में अन्य निर्माण किया गया है। पूरे कॉलेज में निशुल्क वाई-फाई की सुविधा है, ताकि ट्रेनीस को इंटरनेट की सुविधा मिल सके।

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