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कन्नड़ स्टार दर्शन की जमानत याचिका पर अदालत ने 14 अक्टूबर तक सुरक्षित रखा फैसला

Court reserves decision on Kannada star Darshan's bail plea till October 14

बेंगलुरु, 12 अक्टूबर कर्नाटक की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में आरोपी कन्नड़ सुपरस्टार दर्शन की जमानत याचिका पर अपना फैसला 14 अक्टूबर तक सुरक्षित रख लिया। मामले के मुख्य आरोपी, उसकी साथी पवित्रा गौड़ा की जमानत याचिका पर भी उसी दिन फैसला सुनाया जाएगा।

वरिष्ठ वकील सी.वी. नागेश ने दर्शन की ओर से पैरवी की और विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) प्रसन्न कुमार ने अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए मामले में अपनी दलीलें और प्रतिवाद पूरे किए। न्यायाधीश ने आदेश पारित करने के लिए मामला सुरक्षित रख लिया।

दर्शन के वकील ने कहा कि फैन की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह को पुलिस ने ही फंसाया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के टावर लोकेशन और आईपी एड्रेस से छेड़छाड़ की जा सकती है और टावर लोकेशन 25 मील के क्षेत्र में फैली होने के कारण इसमें कोई सटीकता नहीं है।

बता दें कि घटनास्थल और दर्शन तथा मामले के अन्य आरोपियों के घर आसपास ही हैं।

वकील ने रेखांकित किया, “मैं आरोपी दर्शन को बरी करने के लिए दलील नहीं दे रहा हूं। मैं मामले में उसे जमानत दिलाने के लिए दलील दे रहा हूं।”

उन्होंने दावा किया कि मामले में जांच अनुचित और संदिग्ध थी और अदालत का फैसला टावर लोकेशन के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि दर्शन को मृतक फैन रेणुका स्वामी के बारे में 5 जून तक पता नहीं था क्योंकि पवित्रा गौड़ा उस समय उससे बात नहीं कर रही थी और वह अपनी पत्नी को विदेश यात्रा पर ले गया था।

वकील नागेश ने कहा, “जब पवित्रा गौड़ा दर्शन से बात नहीं कर रही थी, तो उन्हें रेणुका स्वामी के बारे में कैसे पता चला?”

बुधवार को एसपीपी प्रसन्ना कुमार ने बयान दर्ज करने में देरी के संबंध में जवाबी दलीलें पेश करते हुए कहा कि शेड में 76-79 गवाह काम करते थे और आरोपियों के साथ-साथ उनके मोबाइल टावर लोकेशन और कॉल विवरण को पटनागेरे के शेड तक ट्रैक किया गया था, जहां अपराध किया गया था।

आरोपी दर्शन और पवित्रा गौड़ा काले रंग की स्कॉर्पियो में शेड में आए थे। दर्शन ने अपने बयान में कबूल किया कि उसने अपने फैन रेणुका स्वामी की छाती और गुप्तांगों पर लात मारी थी।

इस तर्क पर आपत्ति जताते हुए कि आरोपी दर्शन के सहयोगी थे और कॉल विवरण को साक्ष्य नहीं माना जाना चाहिए, एसपीपी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कॉल रिकॉर्ड के महत्व का उल्लेख किया है और उन्हें कम नहीं आंका जा सकता।

रेणुका स्वामी की हत्या कर दी गई थी और उसके शव को सुमन हल्ली के एक नाले में फेंक दिया गया था। इस मामले में दर्शन और उसकी साथी पवित्रा गौड़ा समेत 17 लोगों को 11 जून को गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि 4 सितंबर को 24वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए गए 3,991 पन्नों के आरोपपत्र में विस्तृत विवरण दिया गया है कि कैसे दर्शन ने रेणुका स्वामी पर हमला किया। कथित तौर पर अभिनेता के सहयोगियों द्वारा उसका अपहरण कर लिया गया था और बंदी बनाकर रखा गया था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।

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