नई दिल्ली, 19 अगस्त। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के लोकसेवकों की भर्ती पर दिए बयान पर भाजपा लगातार हमलावर है। इसी बीच कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के बयान का बचाव किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में सवाल किया है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा, “प्रशासनिक सुधार आयोग ने इसकी सिफारिश थी। मैं यह जानना चाहता हूं कि 2016, 2017 और 2018 में जब इन्होंने उन सिफारिशों को लागू किया, तो क्या वह सफल हुई? क्या पीएम नरेंद्र मोदी लेटरल एंट्री के पहले राउंड को सफल मानते हैं? हमें इसका जवाब चाहिए। उन्हें यह बताना चाहिए कि पहले राउंड के दौरान जितने अधिकारी उन्होंने इसमें लगाए थे, उनमें कितने दलित और आदिवासी थे?”
उन्होंने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को पहले इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि पिछले 10 साल में पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, शोषण और बलात्कारों के मामले बढ़े हैं। इसलिए इसकी जिम्मेदारी सीधे-सीधे नरेंद्र मोदी की होनी चाहिए।”
पवन खेड़ा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन पर भी बात की। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि विचारधारा महत्वाकांक्षा से ऊपर होती है। लेकिन, कुछ लोगों के लिए विचारधारा महत्वाकांक्षा से नीचे होती है, सबका सोचने का अपना तरीका होता है।”
कांग्रेस नेता ने कोलकाता दुष्कर्म-हत्या केस का जिक्र करते हुए कहा, “पीड़िता का परिवार इस हादसे के बाद से व्यथित और दुखी हैं। हम सबकी एक जिम्मेदारी है कि उनके माता-पिता को इस समय में ज्यादा प्रताड़ित न करें। उनको न्याय की उम्मीद है। हम भी यही चाहते हैं कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलें। उन्होंने अपनी बेटी को खोया है। न्याय से उनकी उम्मीद टूटनी नहीं चाहिए।”
उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “हम लगातार देख रहे हैं कि भाजपा किस तरह से राज्यपाल, राजभवन का इस्तेमाल कर रही है। जहां गैर भाजपा सरकार है, आपने बंगाल में देखा कि वहां क्या स्थिति हुई थी। राज्यपालों को लेकर लगातार ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं, जो गैर संवैधानिक हैं।”