संगरूर (पंजाब), 4 जून, 2025: फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, भूजल संरक्षण और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए, पंजाब सरकार ने किसानों को धान की खेती से मक्का की खेती की ओर स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु एक पायलट परियोजना शुरू की है।
इस परियोजना का लक्ष्य छह जिलों: संगरूर, बठिंडा, पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर और कपूरथला में 10,000 हेक्टेयर भूमि को कवर करना है। किसानों को प्रति हेक्टेयर 17,500 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी और मक्का की खरीद 2,400 रुपये प्रति क्विंटल सुनिश्चित की जाएगी।
यह परियोजना मक्के से उत्पादित होने वाले इथेनॉल की बढ़ती मांग का परिणाम है। मक्के की खेती को बढ़ावा देकर सरकार का लक्ष्य न केवल फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है, बल्कि भूजल संरक्षण और किसानों की आय में वृद्धि करना भी है।
पायलट परियोजना के तहत संगरूर और गुरदासपुर जिले में 2,000-2,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा, जबकि पठानकोट, जालंधर, बठिंडा और कपूरथला में 1,500-1,500 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को तकनीकी सहायता एवं मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगा।
किसानों की सहायता के लिए प्रत्येक गांव में प्रशिक्षित किसान मित्र नियुक्त किए जाएंगे। मक्का की खेती के लिए आधुनिक मशीनरी पर सब्सिडी भी दी जाएगी।
संगरूर के डिप्टी कमिश्नर श्री संदीप ऋषि ने किसानों से इस अवसर का लाभ उठाने और मक्के की खेती करने का आग्रह किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों को सभी आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
संगरूर के मुख्य कृषि अधिकारी श्री धर्मिंदरजीत सिंह ने बताया कि जून के अंत तक मक्के की खेती की जा सकती है और उन्होंने किसानों से धान की बजाय मक्के की खेती को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को अपनी मक्के की फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
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