सोनीपत जिले के खेड़ी दमकन गाँव में आधी रात को एक 29 वर्षीय व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में तैनात था।
सीआरपीएफ जवान की हत्या के पीछे कांवड़ यात्रा के दौरान हुए विवाद को मुख्य कारण माना जा रहा है। मृतक की पहचान खेरी दमकन गाँव के कृष्ण के रूप में हुई है। वह अपनी पत्नी के प्रसव के कारण सीआरपीएफ से एक महीने की छुट्टी पर अपने गाँव आया था।
उसकी पत्नी ने तीन दिन पहले एक बेटे को जन्म दिया था। घटना आधी रात को हुई। हमलावर भी उसी गाँव के थे। गोहाना सदर पुलिस मामले की जाँच के लिए रात में ही गाँव पहुँच गई।
मिली जानकारी के अनुसार, कृष्ण रात करीब एक बजे घर पर था, तभी उसके गाँव के कुछ युवकों ने उसे बाहर बुलाया। जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, उन्होंने उस पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोली लगने से वह घायल होकर गिर पड़ा।
गोलियों की आवाज सुनकर उसके परिवार वाले बाहर आए और उसे खून से लथपथ देखा। वे उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।
हमलावर वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। पुलिस के मुताबिक, कृष्ण हरिद्वार से कांवड़ लाने गया था और उसी गांव के कुछ अन्य युवक भी कांवड़ लाने हरिद्वार गए थे।
कांवड़ यात्रा के दौरान, गाँव के ही एक गुट से उसका झगड़ा हो गया था। हालाँकि, मामला सुलझ गया था और उसने गाँव के एक शिव मंदिर में जल चढ़ाया था। लेकिन, रंजिश रखते हुए, दूसरे गुट ने उसे रात में बुलाकर गोली मार दी।
गोहाना के एसीपी ऋषिकांत ने बताया कि रात करीब डेढ़ बजे सूचना मिली और पुलिस टीम मौके पर पहुँची। उन्होंने बताया कि मृतक कृष्ण के पिता बलवान सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। कृष्ण करीब 11 साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे।
उन्होंने बताया कि हमलावरों की पहचान उसी गाँव के अजय और निशांत के रूप में हुई है और वे फरार हैं। एसीपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया, कांवड़ यात्रा के दौरान दोनों गुटों के बीच हुए विवाद को सीआरपीएफ जवान की हत्या का मुख्य कारण माना जा रहा है, लेकिन असली वजह मामले की गहन जाँच और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।
सीआईए और थाना सदर की चार टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं। एसीपी ने बताया कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।