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करनाल इंस्टीट्यूट में कल से शुरू होगा डेयरी मेला

Dairy fair will start from tomorrow in Karnal Institute

आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) 27 फरवरी से तीन दिवसीय डेयरी मेले का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें देश भर से किसान, डेयरी उद्यमी और विशेषज्ञ भाग लेंगे।

कुलपति एवं निदेशक डॉ. धीर सिंह ने सोमवार को बताया कि इस वर्ष मेले में दक्षिणी और पूर्वी राज्यों के किसान भी भाग लेंगे, क्योंकि इन क्षेत्रों के प्रगतिशील किसान डेयरी फार्मिंग, नस्ल सुधार और मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों में नवीनतम प्रगति की जानकारी लेने के लिए उत्सुक हैं।

निदेशक ने कहा, “यह मेला ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जिसमें आधुनिक डेयरी प्रथाओं पर लाइव प्रदर्शन, विशेषज्ञ सत्र और तकनीकी कार्यशालाएँ शामिल होंगी। किसानों को उच्च उपज वाली मवेशियों की नस्लों, अभिनव चारा प्रबंधन और वैज्ञानिक डेयरी उत्पादन तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी।”

इस मेले में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बंगाल सहित कई राज्यों के 50,000 से अधिक किसान भाग लेंगे। मेले में सात गोपाल रत्न पुरस्कार विजेताओं और स्कूली छात्रों को भी आमंत्रित किया गया है।

इस अवसर पर पशुपालकों को अपने पशुओं का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा, साथ ही आधुनिक कृषि तकनीकों को जानने का अवसर भी मिलेगामेले में कई सहयोगी संस्थान भी किसानों के समक्ष नई तकनीकें प्रदर्शित करेंगे।

कुलपति ने कहा, “मेले के दौरान कई बीमा कंपनियां किसानों को अपनी योजनाओं के बारे में सलाह देंगी, जिसका उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को उनके पशुओं की मृत्यु के कारण होने वाले किसी भी संभावित नुकसान से सुरक्षा प्रदान करना है। प्रतियोगिताओं में दूध देने की प्रतियोगिता, सौंदर्य प्रतियोगिता, ‘ग्रामीण महिलाओं द्वारा पनीर बनाना’ और अन्य शामिल हैं।” महिलाओं के लिए विशेष रूप से कुछ पशु-दूध देने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इस मेले में लगभग 500 डेयरी पशुओं के भाग लेने की उम्मीद है।

विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी किसानों को लगभग 10 लाख रुपये के पुरस्कार वितरित किये जायेंगे।

उन्होंने कहा, “किसानों को सरकार की नई योजनाओं के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। मेले में वैज्ञानिक पशु रोगों की रोकथाम के लिए सुझाव देंगे। साथ ही मेले में भाग लेने से किसानों को अपना व्यवसाय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।” मेला आयोजन सचिव डॉ. गोपाल सांखला ने किसानों और पशुपालकों से मेले में भाग लेने और कृषि एवं पशुपालन से जुड़ी आधुनिक तकनीक के बारे में जानने की अपील की।

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