नूरपुर जिले के अंतर्गत डमटाल पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए गुरुवार को इंदौरा के पास टोकी से कुख्यात अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर सिकंदर उर्फ निम्मा को गिरफ्तार किया। टोकी गांव का रहने वाला यह आरोपी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत एक मामले में दो महीने से अधिक समय से फरार था।
सिकंदर को पहली बार 25 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था, जब डमटाल पुलिस ने उसे 377.08 ग्राम हेरोइन (चिट्टा) और 1.74 लाख रुपये की नशीली दवाओं के साथ पकड़ा था। उस समय उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस साल 4 अप्रैल को सिकंदर अपने पिता आंचल के साथ मोटरसाइकिल पर हेरोइन की तस्करी कर रहा था। टोकी बैरियर पर नाके के दौरान पुलिस ने 74.83 ग्राम हेरोइन बरामद की। आंचल को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि सिकंदर भागने में सफल रहा और गुरुवार को उसकी गिरफ्तारी तक फरार रहा। दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 21, 25 और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
नूरपुर के एसपी अशोक रतन ने ट्रिब्यून को बताया कि सिकंदर की अग्रिम जमानत याचिका नूरपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय, शिमला के हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दी गई थी और अंततः पुलिस जांच रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली गई थी। सिकंदर और उसके पिता दोनों ही बार-बार अपराधी हैं और उन पर पहले भी कई ड्रग-संबंधी मामले दर्ज हो चुके हैं।
उसी दिन एक अन्य नशा विरोधी अभियान में, नूरपुर पुलिस ने कंडवाल पुलिस बैरियर पर एक हुंडई i20 (DL10-CD-9222) को रोका और तलाशी के दौरान 530 ग्राम चरस (हशीश) बरामद किया। कार में सवार तीन लोगों – हर्ष डोगरा, अक्षित और दुष्यंत, सभी पठानकोट, पंजाब के निवासी – को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ NDPS अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
जवाली के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अवैध शराब की तस्करी के मामले में गनोड़ निवासी बंटू को दोषी करार देते हुए एक साल की कैद और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आबकारी अधिनियम के तहत करीब 14 साल तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया गया है।
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