पुलिस ने आज नगर परिषद में डाटा एंट्री ऑपरेटर मनीष कुमार सैनी को गिरफ्तार कर लिया। यह फर्जी भूमि पंजीकरण से जुड़े नो-ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) घोटाले में पांचवीं गिरफ्तारी है।
यह जांच 21 अगस्त को सुचान गांव निवासी उदयपाल सिहाग की शिकायत के बाद शुरू हुई थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कंगनपुर रोड के पास उनकी पत्नी के स्वामित्व वाली संपत्ति को जाली दस्तावेजों और फर्जी एनडीसी का उपयोग करके पंजीकृत किया गया था।
प्रॉपर्टी डीलर देवेन्द्र कुमार ने कथित तौर पर नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर भूमि अभिलेखों में हेराफेरी की और फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किए।
सदर थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर सुखदेव ने दावा किया कि आरोपियों ने झूठे स्वामित्व विवरण डालकर ज़मीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की, जिससे लाखों रुपये की संपत्ति का अवैध हस्तांतरण और वित्तीय लेन-देन संभव हो सका। नगर परिषद और सीटीएम कार्यालय की रिपोर्टों ने पुष्टि की कि एनडीसी फर्जी थे।
सैनी की गिरफ्तारी से जांच तेज हो गई है और पुलिस धोखाधड़ी नेटवर्क के विस्तार का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ कर रही है।
उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने नगर निगम कार्यालय की जाँच बढ़ा दी है और कई अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की है जिन पर इसमें शामिल होने का संदेह है। सूत्रों ने बताया कि यह घोटाला व्यापक था, जिसमें जिले भर में कई प्लॉट बेचने के लिए फर्जी एनडीसी का इस्तेमाल किया गया था। कई प्रॉपर्टी डीलरों, नगर निगम कर्मचारियों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के इसमें शामिल होने की आशंका है।