नई दिल्ली, 18 जून । दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती गर्मी से लोग परेशान हैं। हीटवेव से लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर इस गर्मी से राहत कब मिल पाएगी। इसको लेकर आईएएनएस ने मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय से बातचीत की।
दिल्ली-एनसीआर को इस हीटवेव से राहत मिलने के सवाल पर सोमा सेन रॉय ने बताया, ‘’नॉर्थ इंडिया में यानी कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्यों में हीटवेव की स्थिति बनी हुई है। आगे का फोरकास्ट यह है कि हम लोग मानसून को थोड़ा सा एडवांस करने की लिए सोच रहे हैं। सभी यह उम्मीद कर रहे हैं कि बिहार, झारखंड में थोड़ा बहुत ईस्ट डिस्टरबेंस आने से मौसम थोड़ा क्लाउडी होगा। बादल आने से तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। बिहार में आज रेड अलर्ट है, कल वह ऑरेंज और परसों से यलो अलर्ट पर चला जाएगा। झारखंड में आज ऑरेंज अलर्ट पर है, वह कल से येलो अलर्ट पर चला जाएगा। पंजाब, हरियाणा और जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हीट वेव की जो स्थिति है वह थोड़ी कम होगी, जिसके चलते यह राज्य रेड अलर्ट के बाद ऑरेंज अलर्ट और बाद में यह येलो अलर्ट पर चले जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में अभी भी रेड अलर्ट है। दिल्ली के प्रभाव के चलते यहां और ज्यादा तापमान बढ़ने की संभावना है। यहां रात का तापमान बढ़ सकता है।
उन्होंने आगे कहा, ‘’पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) आ रहा है। अरेबियन सी से साउथ वेस्ट विंग के साथ वेस्टर्न विंग आ रहा है। उसके चलते बादल और हल्की-फुल्की बारिश होने की संभावना है। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि नॉर्थ वेस्ट इंडिया में भी इसकी उम्मीद की जा रही है। इसके साथ ही तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी, जिससे लोगों को हीट वेव से राहत मिलेगी।
वहीं राज्य में लगातार पड़ रही भीषण गर्मी को लेकर बिहार सरकार सचेत है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि हर दो, तीन दिन में मैं इसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहा हूं।
मंगल पांडे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से तापमान में वृद्धि हुई है। ऐसे में गर्मी का प्रकोप बढ़ा है। उसके पहले से ही स्वास्थ्य विभाग लगातार तैयारी कर रहा है। साथ ही मॉनिटरिंग भी की जा रही है। वहीं सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी दे रही है।
उन्होंने कहा कि जो लोग गर्मी के प्रकोप से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं उन्हें पर्याप्त चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।