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दिल्ली दंगा मामला : उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

Delhi riots case: Supreme Court adjourns hearing on bail pleas of Umar Khalid and Sharjeel Imam

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 2020 दिल्ली दंगा साजिश मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई। इस मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई होगी।

इस मामले पर 12 सितंबर को ही सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस कुमार ने कहा था कि उन्हें केस की फाइलें रात 2:30 बजे मिलीं, जिसके कारण उनके पास पढ़ने का समय कम था। इसलिए सुनवाई को शुक्रवार तक टाल दिया गया। वहीं, शुक्रवार को भी सुनवाई 22 सितंबर तक के लिए टल गई है।

जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप हैं, जो फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़ा है।

इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एक अन्य आरोपी, तस्लीम अहमद, को भी अलग बेंच ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। पुलिस का दावा है कि 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थे।

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने हिंसा भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि उमर खालिद और शरजील इमाम की संलिप्तता प्रथम दृष्टया गंभीर प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ को इकट्ठा करना था।

2020 की हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू हुई थी। इस हिंसक घटना में 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए।

शरजील इमाम को 2020 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और उस पर हिंसा भड़काने में मुख्य भूमिका निभाने का आरोप है।

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