एक नए उपग्रह-आधारित विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे प्रदूषित है, जहां वार्षिक औसत PM2.5 सांद्रता 101 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है, जो भारतीय मानक से 2.5 गुना और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश से 20 गुना अधिक है।
स्वतंत्र अनुसंधान संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2024 से फरवरी 2025 तक की अध्ययन अवधि के दौरान चंडीगढ़ में 70 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरा सबसे अधिक वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर दर्ज किया गया, जिसके बाद हरियाणा में 63 और त्रिपुरा में 62 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।
असम (60), बिहार (59), पश्चिम बंगाल (57), पंजाब (56), मेघालय (53) और नागालैंड (52) भी राष्ट्रीय मानक से आगे निकल गए। कुल मिलाकर, विश्लेषण किये गये 749 जिलों में से 447 (60 प्रतिशत) में वार्षिक PM2.5 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) का उल्लंघन पाया गया, जो 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।
विश्लेषण से पता चला कि सर्वाधिक प्रदूषित जिले कुछ ही राज्यों में केंद्रित हैं। दिल्ली (11 ज़िले) और असम (11 ज़िले) मिलकर शीर्ष 50 में से लगभग आधे पर हैं, इसके बाद बिहार (7) और हरियाणा (7) का स्थान है। अन्य योगदानकर्ताओं में उत्तर प्रदेश (4), त्रिपुरा (3), राजस्थान (2) और पश्चिम बंगाल (2) शामिल हैं।
कई राज्यों में, सभी निगरानी वाले ज़िले NAAQS से आगे निकल गए। इनमें दिल्ली, असम, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।


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