July 27, 2025
National

मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाने से लोकतंत्र का दम घुटेगा : मनोज झा

Democracy will be suffocated if the name of a voter is removed from the voter list: Manoj Jha

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के पूरा होने के बाद राजनीतिक दलों के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मतदाता का नाम, चाहे वह उनकी पार्टी को वोट दे या न दे, वोटर लिस्ट से हटाया जाना लोकतंत्र के लिए ‘काला धब्बा’ है और इससे लोकतंत्र का दम घुट सकता है।

राजद सांसद ने शनिवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि पहले चरण के बाद पूरी मतदाता सूची अपलोड होने के बाद वे हर पहलू की गहन जांच करेंगे।

मनोज झा ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को होने वाली सुनवाई का जिक्र किया, जहां वेरिफिकेशन प्रक्रिया की वैधता और निष्पक्षता पर चर्चा होगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग के दावे और कार्यप्रणाली ‘बेदखली की परियोजनाओं’ को बढ़ावा दे रही है, जिससे कई पात्र मतदाताओं के नाम कटने का खतरा है।

बता दें कि बिहार में चल रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) का पहला चरण पूरा हो चुका है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि सरकार वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटा रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए स्पष्ट किया है कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक, मतदाता या किसी भी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को यह अवसर दिया जाएगा कि वे बीएलओ या बीएलए द्वारा हुई किसी त्रुटि को सुधारने के लिए आवेदन दे सकें। यदि किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया हो या किसी अयोग्य व्यक्ति का नाम जोड़ दिया गया हो, तो उसकी जानकारी देकर सुधार कराया जा सकेगा।

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