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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी देखने पहुंचे उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण

Deputy Chief Minister Pawan Kalyan arrived to see the exhibition organized on International Tiger Day.

मंगलागिरी, 30 जुलाई । आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मंगलागिरी के अरण्य भवन में आयोजित एक प्रदर्शनी में हिस्सा लिया।

उन्होने नागार्जुन सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या के बारे में जानकारी ली और जानवरों के संरक्षण के उपायों पर चर्चा की।

गौरतलब है कि बाघोें के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को प्रतिवर्ष 29 जुलाई को वैश्विक बाघ दिवस, जिसे अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में भी जाना जाता है, मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। रूस में एक टाइगर समिट में बाघ संरक्षण पर चर्चा की थी। उसी सम्मेलन में हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का फैसला किया गया था।

बाघ न सिर्फ भारत का राष्ट्रीय पशु है बल्कि, दुनिया के करीब 70 प्रतिशत बाघ हमारे देश में हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का उद्देश्य लगातारी घट रही बाघों की संख्या को बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाना है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बाघों के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन बाघ संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देते हैं।

बाघों की घटती संख्या के कारणों की बात करें तो उनकी खाल, हड्डियों और अन्य अंगों की मांग की वजह से उनका अवैध शिकार किया जाता है। जंगल भी लगातार कम हो रहे हैं, यही वजह है कि बाघ पास की बस्तियों और इलाकों पर हमले करते हैं। अनुकूल वातावरण न होने के कारण इसका असर बाघों के जीवन पर पड़ रहा है।

भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी, इसका उद्देश्य देश में बाघों की संख्या को बढ़ावा देना और उनके आवासों की सुरक्षा करना है। इस परियोजना के तहत कई टाइगर रिजर्व भी स्थापित किए गए हैं। साथ ही बाघ संरक्षण के लिए विशेष नीतियां भी बनाई गई हैं। भारत में अभी 54 टाइगर रिजर्व हैं।

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