दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ की शुरुआत हो चुकी है। कार्यक्रम को लेकर फिल्म निर्माता, उद्यमी और निवेशक रॉनी स्क्रूवाला ने आईएएनएस से बात की। उन्होंने देशभर से शामिल हो रहे युवाओं को लेकर उत्साह जाहिर करते हुए देश के विविधता की तारीफ की।
रॉनी स्क्रूवाला ने कहा, “मैंने यहां पर जो भी देखा उसमें मुझे जो सबसे खास बात दिखी, वो है देश की विविधता। भारत यही है और यही देश को बनाता भी है। हम आज देश के युवाओं को नए विचारों और ऊर्जा के साथ देखते हैं।”
12 जनवरी को पीएम मोदी युवाओं के विचारों को सुनेंगे। इस पर स्क्रूवाला ने कहा, “ये उत्साह को बढ़ाने वाला और शानदार है कि पीएम मोदी युवाओं को सुनेंगे।”
उन्होंने काम का समय 70 घंटे हो या 90 घंटे इस पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा “ हमें हार्डवर्क की जरूरत है। लेकिन अलग-अलग लोगों के लिए ‘हार्ड’ और ‘वर्क’ दोनों की परिभाषा अलग-अलग होती है।”
‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ को लेकर शनिवार को आईएएनएस ने कुछ प्रतिभागियों से भी बात की। ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ पर ओयो रूम्स के सीईओ रितेश अग्रवाल ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत के युवाओं के लिए यह बहुत बड़ा अवसर है। शायद देश में पहली बार, चाहे आप किसी भी गांव या शहर में हों, अगर आपके पास कोई ऐसा विचार है जो ‘विकसित भारत’ बनाने में योगदान दे सकता है, तो उस विचार को सीधे हमारे प्रधानमंत्री के सामने पेश करने का मौका है। मुझे लगता है यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है। विकसित भारत के संकल्प के लिए हर देशवासी दिल से काम कर रहे हैं।”
बंगाल से आए आयुष ने बताया, “हम कार्यक्रम को लेकर बहुत उत्साहित हैं। पहली बार देश में ऐसी पहल हुई है, जिसमें इतने अलग-अलग राज्यों के लोग एक साथ आए हैं। कल हम प्रधानमंत्री की बातों को सुनेंगे। अपने विचार साझा कर सकेंगे।”
ओडिशा के विक्रम ने बताया, “यह हमारे लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि हम पीएम मोदी को सुनेंगे। मैं ओडिशा के बालासोर जिले के एक छोटे से गांव से हूं। हम कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल हैं।”
आंध्र प्रदेश से आए हरिकृष्णा ने इस पहल को बहुत अच्छा बताया। वहीं, राजस्थान से आई उदिता ने कहा कि मैं राजस्थान में एक पर्यटक गाइड हूं और मैं शेखावाटी नामक एक छोटे से क्षेत्र से आती हूं। इस क्षेत्र की हवेलियां, संस्कृति और विरासत अद्वितीय हैं, और मैं उन्हें बढ़ावा देना चाहती हूं और राष्ट्रीय मंच के माध्यम से पर्यटन को विकसित करना चाहती हूं।”
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