देहरादून, उत्तराखंड पुलिस ने जनता की सुविधा के लिए ‘उत्तराखंड पुलिस एप’ तैयार किया है। जिसमें लोग घर बैठे ही ई-एफआइआर, वाहन चोरी व गुमशुदा आदि की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। डीजीपी ने सभी जिला प्रभारियों से इस एप को प्रचार प्रसार करने को कहा है। साथ ही बाल भिक्षावृत्ति पर लगाम लगाने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने परिक्षेत्र और जिला प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड पुलिस एप और कांवड़ यात्रा के संबंध में एक बैठक की। इसके अलावा उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष गीता खन्ना के साथ भी बाल अधिकार संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। डीजीपी ने थाना प्रभारियों को भिक्षावृत्ति पर रोक लगाने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस एप स्मार्ट पुलिसिंग की ओर एक बड़ा कदम है। आम जन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य यह एप बनाया गया है। हमें इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है, जिससे अधिक से अधिक लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। इसकी मासिक समीक्षा भी की जाएगी, जिसमें अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कार और कार्य में शिथिलता बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी अशोक कुमार ने मॉनसून के मद्देनजर अपने अपने क्षेत्र के अंतर्गत डूबने की आशंका वाले क्षेत्रों और नदी किनारे स्थित घाटों को चिन्हित कर उन स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर लोगों को ऐसे स्थानों पर न जाने दें। डीजीपी ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम समाज के लिए एक बड़ा अभिशाप है। इसकी रोकथाम के लिए बाल संरक्षण आयोग और पुलिस की ओर से संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं।