N1Live National प्रबंधन और सेवा वितरण को आसान बनाने के लिए आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 की गई : वित्त मंत्री
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प्रबंधन और सेवा वितरण को आसान बनाने के लिए आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 की गई : वित्त मंत्री

Number of RRBs reduced from 43 to 28 to ease management and service delivery: Finance Minister

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय से एक राज्य-स्तरीय आरआरबी का गठन हुआ है, जिसका संचालन क्षेत्र एक जैसा है और इससे प्रबंधन और सेवा वितरण आसान हुआ।

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ‘वन स्टेट-वन आरआरबी’ के सिद्धांत के तहत, सरकार ने चरण IV समामेलन में आरआरबी के कंसोलिडेशन की प्रक्रिया जारी रखी है ताकि पैमाने की दक्षता और कॉस्ट रेशनलाइजेशन के लाभ प्राप्त किए जा सकें। इसके तहत 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में आरआरबी की संख्या 43 से घटाकर 28 (1 मई, 2025 से प्रभावी) कर दी गई है।

वित्त मंत्री ने बताया, “आरआरबी ने अपना पूंजी आधार बढ़ाया है, जिससे विलय से बनी इकाई की वित्तीय स्थिरता और मजबूती बढ़ी है। परिचालन को कंसोलिडेट कर और अलग-अलग प्रशासनिक ढांचों के कारण होने वाली अतिरेकता को समाप्त कर विलय से लागत बचत होने की उम्मीद है।”

इसके अलावा, विलय से बने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एडवांस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में निवेश और लाभ उठा सकते हैं, जिससे परिचालन दक्षता और ग्राहक सेवा में सुधार होगा।

सरकार ने विलय कार्यक्रम के कार्यान्वयन की देखरेख और निगरानी के लिए राज्य-स्तरीय निगरानी समिति (एसएलएमसी) और राष्ट्रीय-स्तरीय परियोजना निगरानी इकाई (एनएलपीएमयू) का गठन किया है।

वित्त मंत्री ने अपने उत्तर में कहा, “नाबार्ड ने राष्ट्रीय स्तर की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस एसओपी में विस्तृत दिशानिर्देश शामिल हैं, जिसमें समन्वित नीतियों और परिचालन दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने और दिन-प्रतिदिन की इंटीग्रेशन प्लान को संभालने के लिए प्रत्येक प्रमुख/हस्तांतरित आरआरबी में विलय परियोजना प्रबंधन इकाई (एपीएमयू), संचालन समिति और कार्यात्मक समितियों की स्थापना की सलाह दी गई है।”

नाबार्ड द्वारा 2021 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के विलय से उनके वित्तीय प्रदर्शन पर पड़ने वाले प्रभाव पर एक स्टडी की गई। इस स्टडी में पाया गया कि विलय प्रक्रिया के परिणामस्वरूप क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की व्यवहार्यता और वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ है।

स्टडी से पता चला कि विलय के विभिन्न चरणों के दौरान, लाभदायक और स्थायी रूप से व्यवहार्य क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की हिस्सेदारी में लगातार सुधार हुआ और कुल परिसंपत्तियों के प्रतिशत के रूप में संचित घाटे की मात्रा में भी कमी आई।

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