नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को सिरमौर जिले के पच्छाद उपमंडल के घिनी घाड़ क्षेत्र में जामन की सेर और सुरला जनोत गांवों का सर्वेक्षण किया, ताकि हरियाणा सीमा के निकट एक आधुनिक सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने की व्यवहार्यता का आकलन किया जा सके।
निरीक्षण के दौरान मंत्री के साथ पच्छाद की एसडीएम प्रियंका चंद्रा, हिमुडा के सीईओ सुरेंद्र वशिष्ठ, निदेशक प्रदीप सूर्या, कार्यकारी अभियंता कुशाल शर्मा, पच्छाद के तहसीलदार प्रवीण कुमार, नायब तहसीलदार रहीस अहमद और राजस्व और संबद्ध विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
धर्माणी ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य चंडीगढ़ और पंचकूला की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में सैटेलाइट टाउनशिप स्थापित करना है। उन्होंने आगे कहा कि पच्छाद सीमावर्ती क्षेत्र में ऐसी परियोजनाओं की प्रबल संभावनाएँ हैं, जिनसे नागरिकों को बेहतर आवास विकल्प उपलब्ध होंगे और साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, पिछड़े इलाकों का उत्थान होगा और रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। परियोजनाओं के लिए ज़मीन केवल मालिकों की स्वैच्छिक सहमति से ही ली जाएगी।
मंत्री ने कहा कि लवासा चौकी से लेकर हिमाचल-हरियाणा सीमा क्षेत्र को कवर करते हुए महालप्रीत नगर तक एक सैटेलाइट टाउनशिप स्थापित करने की व्यवहार्यता का पता लगाया जाएगा। सुरला जनोट राजस्व गाँव में 148 बीघा सरकारी ज़मीन है, जो इस योजना की संभावनाओं को और मज़बूत बनाती है। इस स्थान की कनेक्टिविटी इस दावे को और मज़बूत बनाती है—सुरला जनोट, मोरनी पहाड़ियों में स्थित धमाशा गाँव से सिर्फ़ 4 किलोमीटर दूर है और पंचकूला तक बारी सेर के ज़रिए 36 किलोमीटर की दूरी पर पहुँचा जा सकता है।
धर्माणी ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चिन्हित भूमि के “ततिमा” मानचित्र और अद्यतन “जमाबंदी” रिकॉर्ड तुरंत तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि विस्तृत रिपोर्ट बिना किसी देरी के सरकार को प्रस्तुत की जाए। उन्होंने आगे कहा कि प्रस्तावित टाउनशिप में इस क्षेत्र को नियोजित विकास और नए आर्थिक अवसरों के एक जीवंत केंद्र में बदलने की क्षमता है।


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