महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में आज संपन्न हुए एक पखवाड़े लंबे ‘एक पेड़ दिव्यांग के नाम’ अभियान में दिव्यांग छात्रों ने एक विशेष स्थान बनाया। मिट्टी से सने हाथों और गर्व से चमकते चेहरों के साथ, छात्रों ने पर्यावरण के लिए अपना योगदान दिया। कुछ को सहायता की ज़रूरत थी, कुछ ने धीरे-धीरे काम किया, लेकिन सभी एक उद्देश्य की भावना से एकजुट थे। उनकी भागीदारी ने एक अनोखे वृक्षारोपण अभियान को पर्यावरण के प्रति सम्मान और साझा ज़िम्मेदारी के एक सशक्त प्रतीक में बदल दिया।
दिव्यांग छात्र न केवल प्रतिभागी थे, बल्कि अभियान के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि भी थे।
दिव्यांग छात्रों को पर्यावरण के प्रति समर्पित करने के उद्देश्य से चलाए गए इस अभियान ने न केवल सैकड़ों नए पेड़ लगाए, बल्कि समुदाय, देखभाल और समावेशिता की गहरी भावना भी जगाई। इस पहल ने छात्रों, शिक्षकों और दिव्यांग व्यक्तियों को प्रकृति और अपनेपन के साझा उत्सव में एक साथ लाया।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि यह विशेष अभियान पर्यावरण संरक्षण और समाज में समावेशिता की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बन गया है। उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य केवल पेड़ लगाना नहीं था, बल्कि यह दिखाना था कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी से एक सकारात्मक और समावेशी पहल को कैसे सफल बनाया जा सकता है। दिव्यांगजनों की भागीदारी इस अभियान को और भी गरिमामय बनाती है।”
मुख्य अतिथि, भारतीय पुनर्वास परिषद की अध्यक्ष डॉ. शरणजीत कौर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने कहा, “दिव्यांगजन समाज के विशिष्ट योग्यता वाले नागरिक हैं। ऐसे आयोजन उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ते हैं।”
डीन अकादमिक मामलों, प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण, बल्कि सामाजिक समावेशन के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। कुलसचिव कृष्णकांत ने कहा कि इस पहल ने विश्वविद्यालय की संवेदनशीलता और समर्पण को दर्शाया है।
कैम्पस वानिकी एवं वृक्षारोपण अभियान के निदेशक प्रोफेसर सुरेन्द्र यादव ने कहा कि यह आयोजन न केवल एक पर्यावरणीय पहल है, बल्कि सामाजिक समावेश, पर्यावरण संरक्षण और दिव्यांगों के प्रति सम्मान का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।
प्रोफेसर यादव ने कहा, ‘‘अभियान के दौरान, दिव्यांगों की सक्रिय भागीदारी के साथ रोहतक जिले के विभिन्न गांवों में पौधारोपण गतिविधियां भी की गईं।’’