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बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले पर यूजीसी ने गठित की चार सदस्यीय जांच समिति

UGC constitutes a four-member inquiry committee on Balasore student self-immolation case

ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की एक छात्रा के आत्मदाह करने की दुखद घटना ने सभी को झकझोर दिया है। आरोप है कि शिक्षक के उत्पीड़न के बाद छात्रा ने ऐसा कदम उठाया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय तथ्य-खोज समिति गठित की है।

यूजीसी ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया है।

समिति का नेतृत्व गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और यूजीसी सदस्य प्रोफेसर राज कुमार मित्तल करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में पूर्व यूजीसी सदस्य प्रोफेसर सुषमा यादव, गुजरात विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता और यूजीसी की संयुक्त सचिव डॉ. सुषमा मंगल शामिल हैं, जो समन्वय अधिकारी की भूमिका निभाएंगी।

समिति को सात दिनों के भीतर अपनी जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट और सिफारिशें सौंपने का निर्देश दिया गया है। समिति कॉलेज की नीतियों, शिकायत निवारण तंत्र और यूजीसी के यौन उत्पीड़न विरोधी दिशानिर्देशों के पालन की जांच करेगी। इसके अलावा, यह भी देखा जाएगा कि छात्रों, खासकर संकट में फंसे छात्रों के लिए उपलब्ध सहायता प्रणाली कितनी प्रभावी है।

समिति छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों से सुझाव लेकर सुरक्षित शैक्षणिक माहौल बनाने की दिशा में कदम उठाएगी। यूजीसी का यह कदम न केवल इस मामले की गहराई से जांच करने की दिशा में है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय सुझाने का भी प्रयास है।

ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज में एक 20 वर्षीय बी.एड. छात्रा की आत्मदाह के बाद मौत ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया था। छात्रा ने कॉलेज के शिक्षा विभाग के प्रमुख (एचओडी) समीर कुमार साहू पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और कॉलेज प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न करने के विरोध में ये आत्मघाती कदम उठा लिया था।

पुलिस और फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज के सूत्रों के अनुसार, ‘छह महीने पहले आंतरिक शिकायत समिति को दी गई अपनी शिकायत में छात्रा ने आरोप लगाया था कि प्रोफेसर उससे ‘फायदे’ मांग रहा था और न देने पर उसका शैक्षणिक करियर बर्बाद करने की धमकी भी दी थी।

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