January 7, 2025
Entertainment

दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे ग्रामीण भारत महोत्सव में सभी राज्यों के स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन

Display of local products of all the states in the ongoing Rural India Mahotsav at Bharat Mandapam, Delhi.

देश की राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे “ग्रामीण भारत महोत्सव” में देश भर के विभिन्न राज्यों के स्थानीय उत्पाद, कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 4 जनवरी से शुरू हुआ है, जो 9 जनवरी तक चलेगा।

महाराष्ट्र से आई शिल्पा संभाजी ने बताया, “हम यहां महाराष्ट्र के सभी प्रकार के मसाले लेकर आए हैं, जो घर में बने होते हैं और उनका स्वाद बहुत अच्छा होता है। शहरों में लोग गांव की चीजों से वंचित रहते हैं, इसलिए हम शुद्ध घरेलू चीज़ों को यहां लेकर आए हैं, ताकि लोग शुद्ध मसाले खा सकें। इन उत्पादों को गांव की महिलाएं बनाती हैं, जिससे उन्हें भी रोजगार मिलता है और उनकी आय होती है।”

केरल से आए विवेक ने कहा, “हमने यहां केरल की पारंपरिक साड़ियां और धोती का प्रदर्शन किया है। केरल के ग्रामीण विकास बैंक ने हमें यहां आने के लिए प्रोत्साहित किया और स्पॉन्सर भी किया है। लोग यहां आकर केरल की पारंपरिक वेशभूषा खरीद रहे हैं।”

जम्मू कश्मीर से आए सिजात ने बताया, “हमने यहां जम्मू कश्मीर की प्रसिद्ध पशमीना शॉल और पारंपरिक ड्रेस पेश की है।”

गुजरात से आई गुरुपाली ने कहा, “हम गुजरात के भावनगर से मोती का काम लेकर आए हैं। गुजरात की काठियावाड़ी संस्कृति में यह बहुत प्रसिद्ध है। हम इसका इस्तेमाल पूजा, शादी-ब्याह, और घर की सजावट में करते हैं, इसलिए इसे लेकर आए हैं।”

बनारस के पान वाले प्रभु नारायण ने बताया, “प्रधानमंत्री जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा दे रहे हैं। हम बनारस का पान लेकर आए हैं, ताकि दिल्ली के लोग इस स्वादिष्ट पान का आनंद ले सकें।”

जम्मू कश्मीर के कलाकार शब्बीर अहमद ने कहा, “हमने दिल्ली वालों को जम्मू कश्मीर का प्रसिद्ध गाना ‘नाजिम यार’ सुनाया और इसके बाद ‘वफादार माउज’ गाया, जो आजकल विदेशों में भी बहुत पसंद किया जाता है। कलाकारों की सराहना अब बढ़ रही है, इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं।”

इस महोत्सव का आयोजन डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विसेज, भारत सरकार और नाबार्ड ने मिलकर किया है।

शहर संस्था के फाउंडर डायरेक्टर संजीव भार्गव ने कहा, “यह महोत्सव दिखाता है कि कैसे हमारे गांवों में बसी असली भारतीय संस्कृति और कला दुनिया के सामने आ रही है। हमारे देश की विविधता, जो जम्मू कश्मीर से लेकर कच्छ, कन्याकुमारी से अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है, को हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं।”

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