मेरठ, 23 मार्च । उत्तर प्रदेश के मेरठ में जुम्मे में शहर काजी की कुर्सी को लेकर बवाल हो गया है। मौलाना कारी शफीकुर्रहमान ने आरोप लगाया कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उन्हें बोलने भी नहीं दिया गया।
मौलाना कारी ने कहा कि जो दीनी और शरीयत से वाकिफ नहीं हैं, नमाज पढ़ाने के अहल नहीं हैं, उनके सिर पर मैं कैसे हाथ रख दूं। उन्होंने बताया कि अधिकारियों की मौजूदगी में तय हुआ था कि मुझे बयान करना है, लेकिन बयान नहीं करने दिया गया, माइक हटा दिया गया, हंगामा मचा दिया। इसके बाद नमाज हो गई। फिर मुझे घेर लिया गया।
उन्होंने कहा कि शहर काजी के सिर पर हाथ रखने की बात हो रही है। बहुत ज्यादा अभद्र व्यवहार हो रहा है। मैंने यह काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुठ्ठी भर लोग फसाद करना चाहते थे।
इस मुद्दे को लेकर पुलिस से शिकायत करने की संभावना के बारे में पूछे जाने के सवाल को मौलाना कारी ने टाल दिया।
नायब शहर काजी जैनुर राशिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि कारी शफीकुर्रहमान ने शहर काजी की पगड़ी बंधवाकर ड्रामा किया है। वह पहले भी शहर काजी बनने के ख्वाहिशमंद थे। उन्होंने प्रो. जैनुस साजिद्दीन की भी मुखालफत की थी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में शहर काजी की कुर्सी को लेकर विवाद काफी गहरा गया है। दो अलग-अलग पक्षों द्वारा अपने-अपने काजी घोषित करने के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया था। प्रो. जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी के इंतकाल के बाद कुछ लोगों ने डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी को शहर काजी की पगड़ी बांधी है तो कुछ ने कारी शफीकुर्रहमान को। दोनों के अपने-अपने दावे हैं।
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