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पटना के गोविंदपुर गांव की जमीन पर वक्फ बोर्ड के नाम पर गड़बड़ी : संजय जायसवाल

Disturbance in the name of Waqf Board on the land of Govindpur village of Patna: Sanjay Jaiswal

पटना, 12 सितंबर। लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक और वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के लिए बनी संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के सदस्य डॉ. संजय जायसवाल ने फतुहा के गोविंदपुर गांव में वक्फ बोर्ड के नाम पर हो रही जमीन की गड़बड़ी पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि संस्था को भी इसमें सतर्क होना चाहिए।

उन्होंने गुरुवार को गोविंदपुर का दौरा करके स्थितियों को देखा। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों को आदेश दिया गया है कि वह 30 दिनों के भीतर अपनी जमीन खाली कर दें, क्योंकि इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दिया गया है। जिन लोगों को यह नोटिस दिया गया है, उनका खतियान 1910 का है और उन्होंने कई बार मुआवजा भी प्राप्त किया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की कैसे हो सकती है।

उन्होंने बताया कि दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि यह जमीन 2021-22 में ट्रांसफर कराई गई थी और वह भी किसी व्यक्ति के नाम पर ना कि वक्फ बोर्ड के नाम पर की गई थी। उन्होंने बताया कि मुतव्वली बबलू खान ने इस जमीन को अपने नाम करवा लिया था। इसके साथ ही, सड़क निर्माण के दौरान एक शव को सरकारी जमीन पर दफना कर उस पर कब्जा करने की कोशिश की गई थी।

उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे मामलों में संस्था को सतर्क रहना चाहिए, जिससे उसकी प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति द्वारा अपनी जमीन दान करना एक अलग बात है। लेकिन, दूसरों की जमीन छीनकर उसे दान करना गलत है और इस पर ऊपर वाले का आशीर्वाद नहीं मिलेगा।

फतुहा रेलवे स्टेशन के पास भी एक ऐसे ही मामले को सामने लाते हुए उन्होंने कहा कि वहां कब्रिस्तान के नाम पर बनाई गई जमीन पर 12 दुकानें बना ली गई हैं और उनसे किराया वसूला जा रहा है।

उन्होंने इस मामले के संबंधित दस्तावेज भी प्रेस के सामने प्रस्तुत किए। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे इन मामलों की जांच करें और दोषियों पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जेपीसी पूरी निष्पक्षता के साथ इन मामलों की जांच कर रही है और इसमें ना केवल हिंदू, बल्कि मुस्लिम भी पीड़ित हैं।

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